पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में 12वीं (इंटर) के टॉपर को लेकर इस साल भी विवाद शुरू हो गया है। इस परीक्षा में कला संकाय में राज्य में सबसे ज्यादा 82 प्रतिशत अंक गणेश कुमार ने हासिल किए हैं।
आरोप है कि गणेश को मुख्य विषय संगीत की कोई जानकारी नहीं है, जबकि इस विषय के प्रायोगिक परीक्षा में उन्हें 70 में से 65 अंक मिले हैं। सवाल उठाए जाने पर राज्य के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी भड़क उठे।
एक क्षेत्रीय समाचार चैनल का दावा है कि गणेश ने 12वीं की परीक्षा में संगीत विषय चुना, जिसमें उसने प्रायोगिक परीक्षा में 70 में से 65 अंक हासिल किए हैं। चैनल का दावा है कि गणेश को संगीत विषय की प्राथमिक जानकारी भी नहीं है।
गणेश को संगीत के सुर और ताल, गद्य और पद्य तथा मुखड़े तक की जानकारी नहीं है। ऐसे में एक बार फिर टॉपर्स को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
गणेश कुमार झारखंड के गिरीडीह का रहने वाला है, लेकिन इंटर की पढ़ाई करने के लिए वह बिहार के समस्तीपुर के रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक स्कूल को चुना। यहां उसने 2015 में दाखिला लिया था।
विवाद के बीच राज्य के शिक्षामंत्री अशोक चौधरी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि सिर्फ निगेटिव बातों का प्रचार किया जा रहा है।
टॉपर रहे गणेश के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिन्होंने उनसे संगीत के बारे में सवाल पूछा, क्या वे संगीतज्ञ थे? केवल निगेटिव बतों का प्रचार किया जा रहा है।
चौधरी ने गणेश का बचाव करते हुए कहा कि आप लोगों को जो सवाल पूछना हो, पूछते रहिए। इसका कोई जवाब ही नहीं है। जबर्दस्ती ठीक नहीं होती।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर किसी विषय की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में गड़बड़ी हुई तो उसके लिए हमने समय दिया है।
मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। भाजपा प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने कहा कि नीतीश सरकार में राज्य की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई। 12वीं के परीक्षा परिणामों से एक बार फिर हकीकत सामने आ गई।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी कला संकाय में टॉपर रही रुबी राय विवाद में घिर गई थी। उसे जेल तक जाना पड़ा। सरकार ने पूरे मामले की जांच कराई थी। इस मामले में संलिप्तता के आरोप में तत्कालीन बीएसईबी अध्यक्ष और सचिव को गिरफ्तार किया गया था।
सरकार का दावा है कि इस साल परीक्षा प्रक्रिया में काफी कठोरता बरती गई है। इस वर्ष बिहार में करीब 64 प्रतिशत छात्र असफल हुए हैं।