शिलॉन्ग। मेघालय में बीजेपी के एक नेता ने मोदी सरकार के सत्ता में तीन साल पूरा होने की खुशी में ‘बीचि-बीफ पार्टी’ (गोमांस और चावल से बनी बीयर की पार्टी) के आयोजन की वरिष्ठ नेताओं से अनुमति न मिलने पर पार्टी छोड़ दी।
पश्चिमी गारो हिल्स में भाजपा के जिला अध्यक्ष बर्नार्ड मारक ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता स्थानीय जनजातीय समुदाय के लोगों की परंपरा व संस्कृति का आदर नहीं कर रहे हैं।
मारक ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में जनजाति समुदाय के लोगों के जश्न मनाने का अपना तरीका होता है..गारो हिल्स में किसी भी समारोह के मौके पर गो वध किया जाता है। इसलिए, मोदी सरकार के तीन साल पूरा होने के मौके पर हम बीचि-बीफ पार्टी का आयोजन करना चाहते थे, लेकिन पार्टी के नेता इसके खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि उस राजनीतिक पार्टी का हिस्सा बनने का क्या मतलब है, जो हमारे गारो हिल्स की परंपरा व संस्कृति को जिंदा ही नहीं रखना चाहती? वे (भाजपा नेता) हमारे खानपान पर हमें आदेश नहीं दे सकते। गारो हिल्स में बीचि का मतलब राइस बीयर (चावल से बनने वाली बीयर) है।
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उत्तरी गारो हिल्स जिले के भाजपा अध्यक्ष बाचु चांबुगोंग मारक ने कहा कि हम बीफ पार्टी का आयोजन करेंगे, क्योंकि बीफ हमारा पारंपरिक भोजन है। गारो हिल्स के लोग बीफ खाए बिना जिंदा नहीं रह सकते।
अगर पार्टी नेतृत्व ने मुद्दे को नहीं सुलझाया तो हम अपने आप पार्टी छोड़ देंगे। मुद्दा सुलझ गया तो पार्टी में बने रहेंगे। गोमांस पर रोक की स्थिति में पार्टी को गारो हिल्स में कोई समर्थन नहीं मिलेगा।
बुधवार को मेघालय के कई भाजपा नेताओं ने चेतावनी दी थी कि अगर मोदी सरकार ने पशु व्यापार और पशुवध के नए नियमों को रद्द नहीं किया तो वे पार्टी छोड़ देंगे।
भाजपा उपाध्यक्ष जॉन एंटोनियस लिंगदोह ने कहा कि लोगों की समाजिक-आर्थिक अवस्था को सीधे प्रभावित करने वाले नए नियम को लेकर मेघालय में पार्टी के अधिकांश नेता खुश नहीं हैं।
हम अपने खाने के तौर-तरीकों के खिलाफ नहीं जा सकते। साथ ही उन लोगों के आर्थिक हितों को ताक पर नहीं रख सकते जो पशु व्यापार और इनके मांस के व्यापार पर आश्रित हैं।
लेकिन, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नालिन कोहली ने आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भी जनजातीय समुदाय के खान-पान की संस्कृति के खिलाफ नहीं है। चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में यह लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।