लंदन। पाकिस्तान के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने शुक्रवार को कहा है कि चार जून को भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच में संतुलित टीम होने के कारण भारत का पलड़ा भारी है। भारत-पाकिस्तान की टीमें चैम्पियंस ट्रॉफी के ग्रुप-बी के मुकाबले में रविवार को एजबेस्टन में भिड़ेंगी।
भारत के पास शिखर धवन, रोहित शर्मा, अंजिक्य रहाणे, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धौनी और कप्तान विराट कोहली के रूप में मजबूत बल्लेबाजी आक्रमण है।
अफरीदी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की वेबसाइट पर लिखा है कि एक जोशीला पाकिस्तान समर्थक होने के नाते मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान यह मुकाबला जीते, खासकर भारत के विरुद्ध। लेकिन, हालिया इतिहास और भारतीय टीम की गहराई देखते हुए मुझे पाकिस्तान के ऊपर भारत का पलड़ा भारी लगता है।
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उन्होंने कहा कि कोहली शीर्ष क्रम में कितने अच्छे बल्लेबाज हैं, यह पूरी दुनिया को पता है। उन्होंने एकदिवसीय प्रारुप में कई यादगार पारियां खेली हैं। 2012 एशिया कप में हमारे खिलाफ लगाया शतक मुझे अभी तक याद है। 2015 में विश्व कप में एडिलेड में हुए मुकाबले में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की थी। उनके मास्टर शतक ने ही भारतीय टीम की जीत की नींव रखी थी।
अफरीदी ने कहा कि मेरे लिए कोहली को गेंदबाजी करना हमेशा से चुनौती रहा है। उनके खिलाफ पाकिस्तान के गेंदबाजों को अपना शीर्ष खेल दिखाना होगा। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर तारीफ की।
उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी भारत की शुरू से ही ताकत रही है। लेकिन, इस बार उनकी टीम में अश्विन के नेतृत्व में अच्छे गेंदबाज हैं। ऑफ स्पिन गेंदबाज ने बीते वर्षो में शानदार प्रदर्शन किया है और भारतीय टीम की सफलता का अहम हिस्सा बने हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें बाएं हाथ के गेंदबाज रवींद्र जडेजा का अच्छा समर्थन मिलता है। वह भी भारतीय टीम का पिछले कुछ वर्षो से अहम हिस्सा हैं। इंग्लैंड के हालात स्पिनरों के मुताबिक नहीं होते लेकिन अश्विन और जडेजा के पास रन रोकने और बल्लेबाजों को परेशान करने की काबिलियत है।
उन्होंने कहा कि स्पिनरों को बेहतरीन साथ मिलेगा सीम गेंदबाजों का जिनकी अगुवाई भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी करेंगे। अफरीदी ने डेथ ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की भी तारीफ की।
उन्होंने कहा कि मैं युवा गेंदबाज बुमराह की योग्यता और मानसिकता से बेहद प्रभावित हुआ हूं। वह वो गेंद करते हैं जिसे मैं पाकिस्तानी यॉर्कर कहता हूं। वह मुझे हमारे उन गेंदबाजों की याद दिलाते हैं जिन्होंने खासकर 90 के दशक में इस गेंद में महारत हासिल की थी।