पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित 12वीं के परीक्षा परिणाम को लेकर मचे घमासान के बीच पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को सफाई दी है।
नीतीश ने खराब परीक्षा परिणाम पर कहा कि परीक्षा को कदाचारमुक्त बनाने के लिए सख्ती बरतने के कारण ऐसे परिणाम आए हैं।
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में नीतीश ने कहा कि बिहार के लोग ही राज्य की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं। इस बार 12वीं के परिणाम इसलिए खराब हैं, क्योंकि नकल और चोरी रोकी गई है। परीक्षा में कोई धांधली नहीं हुई है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में सुधार की कोशिश जारी है और काफी हद तक इसका असर भी दिखने लगा है। यह हमारे सामने एक चुनौती है, जिसे हमने स्वीकारा है। किसी भी नियम-कानून बनाने के बाद यह दावा नहीं किया जा सकता है कि उसमें त्रुटि नहीं हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कला संकाय में टॉप करने वाले गणेश कुमार का रिजल्ट निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में पता चला है कि गणेश ने दूसरी बार परीक्षा दी थी, इसके बाद कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन उसे इतना तूल नहीं दिया जाता।
नीतीश ने कहा कि तमिलनाडु में एक भर्ती परीक्षा में हरियाणा के लड़के टॉप कर गए थे, अब तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उसकी जांच कर रही है। नीतीश ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले समाज में कई तरह तरह के लोग हैं।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 30 मई को जारी 12वीं परीक्षा के परिणाम में 64 प्रतिशत विद्यार्थी अनुत्तीर्ण घोषित किए गए हैं। इसके बाद छात्रों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच कला संकाय के टॉपर रहे गणेश की जन्मतिथि में फर्जीवाड़े को लेकर उसका परीक्षाफल निलंबित कर दिया गया है तथा उसे गिरफ्तार किया गया है।
गौरक्षकों से संबंधित एक प्रश्न पर नीतीश ने कहा कि बिहार में गाय की हत्या तब से प्रतिबंधित है, जब भारतीय जनता पार्टी नामक कोई पार्टी भी नहीं होती थी।
उन्होंने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया था, तब मैंने कानून की किताब खोल कर सामने रख दी थी। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के लोगों की मानसिकता गाय हत्या की नहीं है।
उन्होंने कहा कि बिहार की सड़कों पर तो कम लेकिन उत्तर प्रदेश में सड़कों पर खुले घूमते पशु आपको ज्यादा दिखेंगे।
उन्होंने कहा कि गौरक्षकों को चाहिए कि वे लावारिस पशुओं का पालन-पोषण करें, जो दुर्घटना में या प्लॉस्टिक खा कर मर जाते हैं। अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनका कुछ भी कहना बेकार है। पशुओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है।