नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में अश्वासन दिया कि यदि जरूरत पड़ी तो किसानों के लिए भूमि अधिग्रहण विधेयक में बदलाव किया जायेगा।
लोकसभा में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अगर भूमि अधिग्रहण विधेयक सही होता तो कांग्रेस इतनी बुरी तरह चुनाव क्यों हारी? कांग्रेस का हाल इतना बुरा कभी नहीं हुआ। मोदी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो किसानों के लिए भूमि अधिग्रहण विधेयक में बदलाव करेंगे।
उन्होंने कहा कि मनरेगा आपकी विफलताओं का जीता जागता स्मारक है । मैं मनरेगा बंद नहीं करूंगा क्योंकि मनरेगा आपके 60 साल के पापों का नतीजा है । मनरेगा बंद करने की गलती मैं नहीं करूंगा। मैं पूरे गाजे-बाजे और शान-बान के साथ इसे बनाए रखूंगा। कुछ जोड़ना पड़ा तो जोड़ूंगा लेकिन मनरेगा को बंद नहीं करूंगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश सरकार नहीं, जनता बनाती है और सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान से देश आगे बढ़ा है। भारत का मूल तत्व सबकी भलाई है। उन्होंने योजनाओं के नामों के विवाद को लेकर कहा कि योजनाओं को लेकर विवाद करना गलत है। योजनाएं भले ही पुरानी और नई हैं लेकिन समस्याएं पुरानी है। मुद्दा समस्या है, नाम मुद्दा नहीं है। योजनाओं के नाम बदलने पर विवाद क्यों है? संप्रग सरकार के नाम बदलने के आरोप ठीक नहीं है। समस्याओं के समाधान के रास्ते खोजे जा रहे है । नाम से हटकर समस्या पर ध्यान लगाएं । इन सब पर आपका भी सहयोग चाहिए।
भूमि अधिग्रहण विधेयक पर जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि किसी को (कांग्रेस) अहंकार न हो कि हमने जो किया वही अच्छा है। अपने काम पर अहंकार नहीं होना चाहिए। भूमि अधिग्रहण विधेयक पर हम कांग्रेस के साथ खड़े थे। इस विधेयक को राजनीति के तराजू में न तोलें और न ही इस पर राजनीति करें। किसान हित में कानून तो नहीं बदलेंगे, आपकी पिछली गलतियों को सुधारेंगे। ये सिर्फ कमियों को ठीक करने का वक्त है। किसान के खिलाफ हर गलती सुधारेंगे।
आज किसान को सिंचाई चाहिए, सड़क चाहिए। यदि यह कानून बना तो श्रेय आपको जाएगा, हमें इसका श्रेय नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि संप्रग के विधेयक पर हमने सवाल नहीं उठाए थे। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी इस कानून में बदलाव की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो किसानों के लिए भूमि अधिग्रहण विधेयक में बदलाव करेंगे। पूरे देश का एक साथ विकास जरूरी है। राज्य आगे बढ़ेंगे तभी देश आगे बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक वजहों से धार्मिक जहर फैलाया जा रहा है। सांप्रदायिकता के जहर से देश तबाह है। मेरी सरकार का धर्मग्रंथ संविधान है। मेरी सरकार का एक धर्म है भारत। हमें किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि गरीबी के खिलाफ लड़ना है। हम एकता के पक्षकार हैं। सभी संप्रदायों का विकास भारत में संभव। विविधता में एकता भारत की पहचान। कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं।
मोदी ने कहा कि सदन में काफी विषयों पर चर्चा हुई। कई सुझाव भी आए लेकिन स्वच्छता हम सबकी जिम्मेदारी है। स्वच्छता अभियान के लिए केंद्र सरकार को 400 करोड़ रुपये मिले है। सफाई राज्य सरकारों की भी जिम्मेदारी है। सफाई का काम 125 करोड़ देशवासियों का भी है।
उन्होंने संसद में कहा कि भ्रष्टाचार पर आप सबके सुझाव आमंत्रित है। भ्रष्टाचार ने देश को तबाह कर दिया है। मैं इसे दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा। कालेधन पर कोई नहीं बचेगा। कालेधन पर बदले की कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने कांग्रेस को इस मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि जब उच्चतम न्यायालय ने एसआईटी बनाने का आदेश दिया था तो तीन साल तक एसआईटी क्यों नहीं बनाई? हमारी सरकार गरीबों को समर्पित है। हम सुशासन की ओर जा रहे हैं।