इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक मंत्री ने कहा है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि जिसके आधार पर नेपाल में लापता हुए सेवानिवृत्त पाकिस्तानी कर्नल को अगवा करने का आरोप भारतीय खुफिया एजेंसियों पर लगाया जाए।
राज्यों एवं फ्रंटियर क्षेत्रों के मंत्री अब्दुल कादिर बलूच ने बुधवार को सीनेट से कहा कि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब के कथित अपहरण के मामले को धारणाओं के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) नहीं ले जाया जा सकता।
उन्होंने कहा कि यह अभी तक साबित नहीं हो पाया है कि कर्नल हबीब को भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ही उठाया है।
समाचार पत्र डॉन के मुताबिक उन्होंने कहा कि विदेश कार्यालय या सरकार के पास उपलब्ध अंतिम रिपोर्ट में इस बात का संकेत नहीं मिलता है कि मामले में भारतीय खुफिया एजेंसियां या भारत सरकार शामिल है।
सीनेट अध्यक्ष मियां रजा रब्बानी ने पूछा कि बयान का क्या यह मतलब निकला जाए किविदेश कार्यालय कथित अपहरण में भारत को निर्दोष ठहरा रहा है।
बलूच ने कहा कि हमें शत फीसदी विश्वास है कि इस अपहरण में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का हाथ है, लेकिन इसके पुख्ता सबूत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हबीब का मुद्दा कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की सजा से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि लेकिन मुद्दे को कानूनी तौर पर साबित करने के लिए पुख्ता सबूतों की जरूरत है।
बलूच ने कहा कि विदेश कार्यालय ठोस सबूत पाने के लिए प्रयास कर रहा है और नेपाल से उन तीनों भारतीय नागरिकों के संपर्क में रहने को कहा गया है, जिन्होंने हवाईअड्डे पर हबीब की अगवानी की थी।
विपक्षी नेता एजाज अहसान ने आरोप लगाया कि हबीब मामले में नेपाल पहले की तरह सहयोग नहीं कर रहा।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सीनेटर रहमान मलिक ने सरकार से मुद्दे को आईसीजे तथा संयुक्त राष्ट्र ले जाने की अपील की।