मुंबई। विले पार्ले में प्रवीण गांधी कॉलेज ऑफ लॉ के प्रोफेसर इरशाद भट्टी पर क्लास में ही छात्राओं से यौन उत्पीडऩ का आरोप लगने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत ने उसे जमानत दे दी है।
छात्राओं ने बताया है कि प्रोफेसर क्लास में लड़कियों के साथ अजीब तरीके से पेश आता था। लड़कियों के पास जाना, उन्हें छूना और भद्दे कॉमेंट्स करना उसकी आदतों में शामिल था।
मिली जानकारी के अनुसार विले पार्ले में स्थित प्रवीण गांधी कॉलेज ऑफ लॉ के प्रोफेसर इरशाद भट्टी को पुलिस ने गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया था, जहां से उसे जमानत दे दी गई। भट्टी पर लॉ की अंतिम वर्ष की छात्रा ने यौन उत्पीडन का आरोप लगाया है। इस कार्रवाई के बाद मैनेजमेंट ने प्रोफेसर को पद से हटा दिया है।
उल्लेखनीय है कि लॉ अंतिम वर्ष की छात्रा ने जुहू पुलिस थाने में प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि भट्टी ने क्लास में कथित तौर पर स्टूडेंट का यौन उत्पीडऩ किया। पुलिस ने आईपीसी की धारा ३५४ ए (यौन उत्पीडऩ) और डी (पीछा करना) के तहत इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली। बाकी स्टूडेंट्स ने भी यह माना कि भट्टी क्लास में लड़कियों के साथ लगातार गलत व्यवहार करते हैं।
लडक़ी ने आगे जोड़ा, कॉलेज ने उन सभी शिकायतों पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया जो प्रिंसिपल के पास दर्ज कराई गई थीं। कॉलेज ने परिसर के अंदर स्टूडेंट्स की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया।
कॉलेज फेस्टिवल में मुझे एक अनजान शख्स ने जबर्दस्ती छुआ, जो कि ढीली सिक्यॉरिटी का फायदा उठाकर अंदर आ गया था। यह सब हुआ और पीडि़त ने जब कॉलेज से सीसीटीवी फुटेज मांगा तो कॉलेज ने उसे देने से इनकार कर दिया।
इतना सब होने के बाद स्टूडेंट ने ३ फरवरी के दिन जुहू पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई। पीडि़त के वकील, रिजवान मर्चेंट ने बताया कि भट्टी के वकील ने आरोपों को गलत तरीके से पेश किया। मर्चेंट ने कहा, मैं हैरान हूं कि मजिस्ट्रेट ने उसे पहले दिन ही जमानत क्यों दे दी? उसके वकील ने केस को गलत तरीके से पेश किया।
वकील ने उस पर लगी धाराओं को जमानती बताया, जबकि ३५४ डी एक गैर जमानती धारा है। हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल, एलबी द्विवेदी ने इस पूरे मामले पर किसी भी तरह के कॉमेंट से इनकार किया है। कॉलेज के ट्रस्टी अमरीश पटेल ने बताया कि भट्टी को फैकल्टी मेंबर के पद से हटा दिया गया है।