नई दिल्ली। बीजेपी में हाशिये पर डाल दिए गए असंतुष्ट नेता व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने गुरुवार को एक बार फिर राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को सबसे योग्य उम्मीदवार बताते हुए कहा कि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और संविधान की पेचीदगियों को समझने में सक्षम हैं।
सिन्हा ने ट्वीट किया कि आडवाणी जी में सबसे बड़ी बात है कि वह संविधान की जटिलता को समझने में सक्षम हैं और जब फैसले लेने की जरूरत होती है, तो वह बिना किसी के प्रभाव में आए व्यापक देशहित में सही फैसला लेते हैं।
सिन्हा की टिप्पणियां ऐसे वक्त में आई है, जब राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर सर्वसम्मति बनाने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाली है।
सिन्हा ने कहा कि आडवाणी (89) शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और पद के लिए बिल्कुल सही उम्मीदवार हैं तथा उनकी उम्मीदवारी के विरोध में किसी ने आवाज नहीं उठाई है।
उन्होंने कहा कि कोई भी बोलने में सक्षम नहीं है, चाहे वह पार्टी के भीतर हो या बाहर..आडवाणी की उम्मीदवारी का किसी ने विरोध नहीं किया है।
सिन्हा ने कहा कि किसी भी युवा नेता की तुलना में आडवाणीजी ज्यादा स्वस्थ व ऊर्जा से भरपूर हैं। उन्होंने अपने स्वास्थ्य को बनाए रखा है, ताकि वह देश की जिम्मेदारी ले सकें।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही सिन्हा को पार्टी में किनारे कर दिया गया। उन्हें मोदी के मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं दी गई, जबकि उन्होंने दावा किया कि वह काफी लंबे अरसे से पार्टी से जुड़े रहे हैं, तब से जब पार्टी के लोकसभा में मात्र दो सांसद थे।
आडवाणी से उनकी नजदीकियों को पार्टी में उनके किनारे होने का एक कारण माना जा रहा है।बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सिन्हा ने जनता दल (युनाइटेड) तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पक्ष में टिप्पणियां की थीं। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित बिहार भाजपा के नेताओं के साथ भी उनके संबंध अच्छे नहीं हैं।
सिन्हा ने मंगलवार को आडवाणी को भाजपा का ‘पितामह’ करार देते हुए कहा कि वह देश का राष्ट्रपति बनने के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं।