अजमेर। नशे का इंजेक्शन उसकी मूल कीमत से चार गुना अधिक राशि में बेच कर रातों रात करोड़पति पति बनने का ख्वाब देखने वाले एक मेडिकल स्टोर संचालक का अदालत ने एक दिन के पुलिस रिमांड पर पुलिस अभिरक्षा में सौंप दिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी एवं सहायक औषधि नियंत्रक अजमेर ईश्वर सिंह ने आरोपी के खिलाफ क्लाक टावर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोपी के विरुद्ध पांच रुपए में मिलने वाले दर्द निवारक सरकारी इंजेक्शन को अवैध तरीके से 15 से 20 रुपए में फुटपाथ पर भीख मांग कर जीवन जीने वाले नशेडियों को बेचने का आरोप था। नशा कारोबारी हरीश कुमार पुत्र खुशी राम सिंधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर मंगलवार को अदालत में पेश किया था।
जानकारी के अनुसार क्लॉक टॉवर पुलिस थाना प्रभारी रमेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपी हरीश पुत्र खुशी राम सिंधी थाने के पास पंकज मार्केट में स्थित हरीश मेडिकल स्टोर का संचालक है। जिसके मेडिकल स्टोर का औषधि नियंत्रक टीम ने निरीक्षण किया तो पाया कि मेडिकल स्टोर से थोक मात्रा में दवाइयां तथा इंजेक्शन आदि सप्लाई किए जाते है तथा यहां से दूसरे राज्यों में भी विभिन्न प्रकार की औषधियां व इंजेक्शन बेचे जाते है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी से रिमांड के दौरान यह पता किया जाएगा कि इस फर्म द्वारा एक अप्रैल 2014 से 4 फरवरी 2015 तक किन -किन राज्यों व जिलों में किस-किस मेडिसिन फर्म के साथ कारोबार किया है तथा उन्हें नशीले ड्रग्स के कितने इंजेक्शन बगैर बिलों के सप्लाई किए हैं। इसके अलावा पुलिस आरोपी से यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है उसने फुटकर रूप से किन-किन नशा कारोबारियों को यह इंजेक्शन का बेचान किया है।
क्लॉक टॉवर थाना प्रभारी रमेंद्र सिंह ने बताया कि मैसर्स रैनबेक्सी लेबोरेट्रीज लिमिटेड जी 121 रीको इंडस्ट्रीयल एरिया जयपुर का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान सामने आया कि 1 अप्रैल 2014 से 31 जनवरी 2015 तक अजमेर, पाली, नागौर व भीलवाड़ा में विभिन्न फर्मों को फोर्टविन इंजेक्शन की सप्लाई की गई। अजमेर के हरीश मेडिकल, आशीष मेडिकल, श्याम एजेंसी, सुप्रीम मेडिकोज, प्रवीन मेडिकल एजेंसी, फार्मा सेंटर पाली, ड्रग सेंटर पाली, हनुमान मेडिकोज कुचामन सिटी व प्रेम फार्मा भीलवाड़ा को लाखों की की तादात में उक्त इंजेक्शन बेचे गए।
यह दर्द निवारक दवा के तौर पर अधिकृत फोर्टविन इंजेक्शन का उपयोग फुटपाथ पर रहने वाले नशेड़ी कर रहे हैं, कारण यह है कि यह इंजेक्शन दस से पंद्रह रुपए में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक मात्रा या नियमित उपयोग में लेने से यह इंजेक्शन मौत का कारण भी बनता है। शक है कि चंचलानी का संबंध ड्रग माफियाओं से है। राज्य के बाहर भी उसने यह इंजेक्शन सप्लाई किए हैं।
औषधि नियंत्रण अधिकारी की शिकायत पर क्लाक टावर थाना पुलिस ने हरीश चंचलानी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि अजमेर में पंकज मार्केट सूर्या होटल के पीछे स्थित मैसर्स हरीश मेडिकल्स के खिलाफ फोर्टविन की अवैध बिक्री करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। आरोपी को हिरासत में लिया गया है। जानकारी के अनुसार आरोपी के पास 1 अप्रैल 2014 को उक्त दवाआें का आेपनिंग स्टॉक 4 लाख 5 हजार 720 था।
इसके अलावा उसने मैसर्स रैनबेक्सी लेबोरेट्रीज जयपुर से 4 लाख 32 हजार, मैसर्स प्रेम फार्मा भीलवाड़ा से 46 हजार 800, मैसर्स एसएम डिस्ट्रीब्यूटर्स अजमेर से 60हजार 480, मैसर्स सुप्रीम मेडिकोज अजमेर से 72 हजार इंजेक्शन खरीदे। परंतु पूछताछ में गुमराह करते हुए उसने सिर्फ 10 लाख 17 हजार इंजेक्शन ही खरीदना ही बताया। इस प्रकार 24 लाख 30 हजार 300 इंजेक्शन का अवैध कारोबार किया। जांच में पता चला कि आरोपी ने कई फर्मों के फर्जी बिल काट दिए।
इसके अलावा राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी (आरएमआरएससी) जेएलएन के नाम भी बिल काटा गया। इस आधार पर आरएमआरएससी के सचिव से जानकारी चाही गई तो खुलासा हुआ कि अस्पताल ने फोर्टविन इंजेक्शन की कोई खरीद ही नहीं की। इसी प्रकार दिल्ली सहित प्रदेश के अन्य जिलों की फर्मों के नाम फर्जी बिल काटे गए।
अंकित मेडिकल स्टोर का लाईसेंस भी किया निलम्बित
गौरतलब है कि सहायक औषधि नियंंत्रक ईश्वर सिंह ने ब्यावर रोड स्थित मैसर्स अंकित मेडिकल एण्ड जनरल स्टोर पर भी गत दिनों कार्यवाही की थी। यहां भी नशे में प्रयुक्त होने वाली तथा शिड्यूल एच-1 वाली औषधियों के अवैध व्यापार में लिप्त होने के कारण औषधि अनुज्ञापत्रों को 90 दिवस के लिए निलम्बित कर दिया गया था। आरोपी 1 अप्रेल से 29 जून तक तक औषधियों जिनमें कोडनिन, डाईपेनिक्सोलेट, पेन्टोजोसिन, ब्येरनार फिन, क्लोराडयजीपाकईड, नाईट्राजापास, डायजिपाम, एल्प्रोजोलम, क्लोनापाम आदि की बिक्री नहीं कर सकेगा। अब कोई होलसेल विक्रेता फर्म को भी यह औषधियां बेचने के लिए नहीं दे सकेगा।