नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर चौंकाते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी की संसदीय दल की लगभग दो घंटे चली बैठक के बाद कहा कि हमने फैसला किया है कि रामनाथ कोविंद राजग की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे।
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। उन्होंने कहा कि भाजपा और राजग लंबे समय से राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा कर रहे थे।
शाह ने संवाददाताओं को बताया कि भाजपा ने सभी राजनीतिक दलों और समाज के कई वर्गो के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। चर्चा के बाद उम्मीदवारों की एक लंबी सूची तैयार की गई, जिसपर पार्टी की संसदीय दल की बैठक में चर्चा हुई।
कोविंद (72) 23 जून को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि वह चुनाव जीतते हैं तो आरके नारायणन के बाद दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे।
कोविंद के नाम की घोषणा से पहले सुषमा स्वराज और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सहित कई नेताओं के नाम पर चर्चा हुई।
शाह ने कहा कि राजग के सहयोगी दलों को कोविंद की उम्मीदवारी से वाकिफ करा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य नेताओं से राजग उम्मीदवार के बारे में बात की।
मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू से भी बात की।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एम.वेंकैया नायडू ने पार्टी के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से भी बात की।
अमित शाह ने कहा कि रामनाथ दलित परिवार से आते हैं और उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। हमें उम्मीद है कि उन्हें चुनाव में सभी का समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोविंद ने दलितों और गरीबों के लिए काफी काम किया है।
पेशे से वकील कोविंद मई 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सत्ता में आने के बाद से पिछले दो वर्षो से बिहार के राज्यपाल हैं।
वह भाजपा की दलित इकाई का भी नेतृत्व कर चुके हैं। वह 12 वर्षो तक राज्यसभा सांसद रहे और कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे। वह उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस कर चुके हैं।
जीवन परिचय
राम नाथ कोविन्द का जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविन्द का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है।
वकालत की उपाधि लेने के पश्चात दिल्ली उच्च न्यालय में वकालत प्रारम्भ की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई।
राजनीति
वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के निर्वाचित हुए। वर्ष 2000 में पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार 12 वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।
समाज सेवा
वह भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्युरो के महामंत्री भी रहे।