नई दिल्ली। नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 30 जून की आधी रात को संसद के सेंट्रल हॉल में लांच किया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसके लिए आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच.डी. देवेगौड़ा भी मौजूद रहेंगे।
जेटली ने कहा कि 30 जून की आधी रात से जीएसटी लागू हो जाएगा। 30 जून को देर रात को सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी संसद सदस्य, राज्यों के वित्त मंत्री, मुख्यमंत्री और जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया में सहायक अधिकारी तथा एम्पावर्ड कमेटी के अध्यक्ष मौजूद होंगे।
जेटली ने कहा कि जीएसटी बिल्कुल मध्यरात्रि को लांच किया जाएगा। जीएसटी लागू करने में पूर्ववर्ती सरकारों की भूमिका के बारे में जेटली ने कहा कि इसमें कई सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। संप्रग सरकार ने 2006 में जीएसटी की घोषणा की थी और 2011 में इसके लिए संविधान संशोधन लाया गया। संसद में 2016 में जीएसटी एकमत से पारित हुआ।
सेंट्रल हॉल में जीएसटी पर दो लघु फिल्में दिखाई जाएंगी और इस विषय पर राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
केरल और जम्मू एवं कश्मीर के अलावा सभी राज्य ‘स्टेट जीएसटी’ (एसजीएसटी) पारित कर चुके हैं। जेटली ने कहा कि केरल इस सप्ताह एसजीएसटी पारित कर देगा, वहीं कश्मीर में इसकी प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी राज्य में जीएसटी लागू नहीं होता, तो उससे व्यापारी और ग्राहक दोनों प्रभावित होंगे। व्यपारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने के लिए दो महीने की छूट दी गई है, इसलिए व्यापारियों को नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए तैयार होने में काफी समय मिलेगा।
उन्होंने कहा कि हमने जुलाई और अगस्त में मासिक रिटर्न दाखिल करने के लिए समय का विस्तार किया है। उद्योगों को इसके लिए खुद को तैयार करना होगा। यह अधिक जटिल प्रणाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि अब इसके लिए तैयार होने के लिए 15 सितंबर तक का समय है, जब व्यापारियों को अपनी पहली रिटर्न फाइल करनी होगी। अगर व्यापारी तब तक भी तैयार नहीं हो पाते, तो संभवत: वे इसके लिए तैयार ही नहीं होना चाहते। उन्होंने कहा कि जीएसटी से कर चोरी पर लगाम लगेगी, जिससे राजस्व में वृद्धि होगी।