तिरुवनंतपुरम। केरल में निचली अदालत ने मंगलवार को 54 वर्षीय उस स्वयंभू संत को जमानत देने से मना कर दिया, जिसका निजी अंग कथित रूप से एक युवती ने मई में काट दिया था। अदालत ने युवती का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की पुलिस की याचिका भी स्वीकार कर ली।
घटना 18 मई की है, जब हरि स्वामी नामक स्वयंभू संत 23 वर्षीय युवती व उसके माता-पिता के घर था। घटना के तुरंत बाद हरि स्वामी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में युवती की शिकायत पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
हरि स्वामी की न्यायिक हिरासत एक जुलाई को खत्म हो रही है। हालांकि इस मामले में कई तरह की बातें सामने आईं। स्वामी ने पहले चिकित्सकों से कहा कि उसने खुद अपना निजी अंग काटा था।
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बाद में युवती की मां ने स्वयंभू संत को क्लीन चिट दे दी थी। कुछ दिनों पहले युवती ने भी कहा कि स्वामी ने उसके साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया। उसने पुलिस पर स्वामी के खिलाफ झूठी कहानी गढ़ने का आरोप लगाया।
उसने इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की और कहा कि उसे केरल पुलिस पर यकीन नहीं है।
अदालत ने युवती से 26 जून को खुद या अपने वकील के माध्यम से अपने समक्ष पेश होकर यह बताने के लिए कहा कि वह पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार है या नहीं।
इसी मामले में युवती के एक मित्र ने केरल उच्च न्यायालय में सोमवार को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा कि युवती को घर में नजरबंद रखा गया और इसलिए कई तरह की कहानियां सामने आईं।
याचिका दायर करने वाले अयप्पा दास ने कहा कि स्वामी ने युवती के साथ उस समय दुर्व्यवहार किया था जब वह कम उम्र की थी।