लंदन। वरिष्ठ ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने मंगलवार को चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मिली हार का कारण गेंदबाजों की असफलता को बताया है।
पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और 50 ओवरों में बोर्ड पर चार विकेट के नुकसान पर 338 रन टांग दिए।
पूरे टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में चले रहे जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, हार्दिक पांड्या, कुछ नहीं कर पाए और विश्व के दो दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा भी पूरी तरह से विफल रहे।
इसी नाकामी के कारण पाकिस्तान ने भारत को विशाल लक्ष्य दिया जिसके सामने उसका मजबूत और गहरा बल्लेबाजी क्रम 30.3 ओवरों में 158 रनों पर ही ढह गया।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वेबसाइट पर कॉलम में हरभजन ने लिखा है कि जब जरूरत पड़ी हमारे गेंदबाजों ने हमें निराश किया। हमने अच्छी शुरुआत नहीं की। द ओवल पर खेले गए फाइनल मैच में अहम पल काफी पहले आ गया था। बुमराह की नो बॉल पर फखर जमान को महेंद्र सिंह धौनी ने लपक लिया था।
उन्होंने कहा कि स्पिनरों ने ज्यादा रन देकर हमारी मदद नहीं की। साथ ही उन्होंने विकेट नहीं लिए। हरभजन ने टीम की खराब फील्डिंग को भी जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने लिखा है कि पहले मैचों की तुलना में हमारी फील्डिंग अच्छी नहीं थी। यह उस तरह का प्रदर्शन था जहां हम विकेट की उम्मीद कर रहे हों और फिर बेकार फील्डिंग देखने को मिले। मध्य के ओवरों में जो रन दिए गए वह ज्यादा थे।
उन्होंने लिखा है कि उनकी साझेदारियां अहम समय पर हुईं। वह पहली गेंद से अच्छा खेले। उनके प्रदर्शन को देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ खेल फाइनल के लिए ही बचा रखा हो।
हरभजन के मुताबिक फाइनल में हार्दिक पांड्या की 76 रनों की पारी टीम के लिए इकलौता सकारात्मक पहलू था।
उन्होंने लिखा है कि पांड्या की तेज तर्रार 76 रनों की पारी जो सिर्फ 46 गेंदों में आई वह इकलौता इस मैच में भारत के लिए सकारात्मक पहलू था। 54 रनों पर पांच विकेट गिर जाने के बाद उनके पास अपने शॉट्स खेलने की पूरी आजादी थी। उन्होंने शादाब खान को निशाना बनाया और लंबे छक्के मारे।