जयपुर। प्रदेश में होली का त्यौहार पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने अभीर, गुलाल और रंग लगाकार एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी। राजधानी जयपुर समेत प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों पर विदेशी मेहमानों ने भी जमकर होली का लुफ्त उठाया।
राजधानी जयपुर में अनेक जगह लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई इनमें विदेशी मेहमानों ने जमकर ठुमके लगाए। विदेशी सैलानी शुक्रवार को पूरे हिन्दुस्तानी रंग में रंगे नजर आए। माथे पर पगडि़यां और हाथों में गुलाल और अबीर लिए विदेशी पूरे राजस्थानी अंदाज में नजर आ रहे थे। होली के पर्व पर पुलिस ने भी हुड़दंगियों पर अंकुश लगाने के लिए जगह-जगह बल तैनात कर रखे थे। रंगों का त्यौहार होली प्रदेश वासियों ने अबीर-गुलाल और फूलों की पंखुड़ियों की बौछारों के साथ मनाया।
प्रदेश भर में शुक्रवार को शराब की दुकाने खुली रही। सुबह से ही शराब की दुकानों पर हुड़दंगियों की भीड़ जमघट लगा रहा। राजधानी में शुक्रवार को यातायात के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ी। हुड़दंगियों के सामने पुलिस बोनी साबित हुई। पुलिस की माकूल व्यवस्था के सभी दावों की शुक्रवार को पोल खुलती नजर आई। आम दिनों पर जहां पुलिस प्रमुख चौराहों पर मुस्तैद रहती है आज वहां सन्नाटा छाया रहा। इक्का दुक्का यातायात पुलिस के जवान तैनात दिखें तो उन्हें भी हुड़दंगी चिड़ाते नजर आए।
जोधपुर में धुलंडी पर दिन भर गली मोहल्लों में ईष्टजन के बीच अपणायत के रंग बिखरते रहे, मिठाइयों की मनुहार के बीच लोगों ने एक दूसरे पर अबीर गुलाल डाल कर अपणायत दिखाई। चंग की धमक और ढोल की थाप पर नाचते गाते गेरियों ने नवजात के परिजनों के यहां ढूंढ का आयोजन किया। शुक्रवार सुबह से लेकर दोपहर तक शहर की सड़कों पर होली का हुड़दंग मचा रहा। छोटे-बड़े हर कोई होली के रंग में सराबोर नजर आया। अबीर गुलाल व कलर से रंगे युवक-युवतियों की टोलियां भी जगह-जगह पर नजर आई। होली के इस पर्व पर हुड़दंगियों ने खूब हुड़दंग मचाया लेकिन पुलिस का जाप्ता जगह-जगह पर तैनात था ताकि होली के कारण वे रंग में भंग नहीं डाल सके।
इससे पहले गुरुवार को गोधूलि वेला में होलिका दहन किया गया था। होलिका दहन से पूर्व बहनों ने भाइयों के सिर पर उनकी लंबी उम्र व सुख समृद्धि के लिए बड़बोलियों की माळाओं का घोळ किया व होलिका में विसर्जित की। होलिका की लपटों में नई फसल की ऊमरों व गेहूं की बाळियों को सेका गया। लोगों ने कुडछे में होलिका के अंगारों भर अपने-अपने घरों में धूपबत्ती करते हुए सुख सामर्ध्य की कामना की।