न्यूयार्क। यह आम धारणा है कि यौन आकर्षण वाले विज्ञापनों से उत्पादों की बिक्री ज्यादा होती है, लेकिन एक शोध का निष्कर्ष बताता है कि इस तरह के विज्ञापन उत्पादों की बिक्री या ब्रांडों को लोकप्रिय बनाने में मदद नहीं करते।
लगभग 80 विज्ञापनों का असर जानने के लिए किए गए अध्ययन का विश्लेषण यौन आकर्षण वाले विज्ञापनों के भरोसे उत्पादों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद रखने वालों को निराश करने वाला है।
अमरीका के इलिनोइस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और शोध रिपोर्ट के मुख्य लेखक जॉन विट्र्ज ने कहा कि हमने पाया है कि लोग यौन आकर्षण वाले विज्ञापनों को सामान्य से ज्यादा याद रखते हैं, लेकिन विज्ञापनों को याद रखने का प्रभाव उनमें अंकित ब्रांड या उत्पादों की खरीद पर नहीं पड़ता।
शोध बताता है कि यौन आकर्षण संबंधी विज्ञापनों में अंकित ब्रांडों को लोग ज्यादा याद रखना पसंद नहीं करते। साथ ही उनकी इन ब्रांडों के प्रति एक तरह की नकारात्मक छवि रहती है।
शोध में पता चला है कि लोगों ने इस तरह के विज्ञापनों के उत्पादों को खरीदने में भी कोई रुचि नहीं दिखाई।
विट्र्ज ने कहा कि हमने यौन आकर्षण संबंधी विज्ञापनों में दिखाए गए उत्पादों को खरीदने के लोगों के इरादे के दौरान इन विज्ञापनों का बिल्कुल भी प्रभाव नहीं पाया है।
उन्होंने कहा कि यह आम धारणा है कि यौन आकर्षण संबंधी विज्ञापन उत्पादों को बेचने में मदद करते हैं। हमारे अध्ययन के अनुसार यह धारणा सही नहीं है। अध्ययन के दौरान कहीं भी इन विज्ञापनों का उत्पाद की खरीद पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखा।
अध्ययन के लिए टीम ने पहले किए गए 78 सहकर्मियों के अध्ययनों का अपनी तरह का पहला मेटा-विश्लेषण किया, जिसमें उन्होंने विज्ञापन में यौन आकर्षण के प्रभावों का परीक्षण किया। इस अध्ययन की रिपोर्ट आप इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवरटाइजिंग में ऑनलाइन देख सकते हैं।