नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को विभिन्न सरकारी जन कल्याण योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकार द्वारा जारी विभिन्न अधिसूचनाओं के खिलाफ याचिकाओं पर अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया।
आदेश जारी करने से इनकार करते हुए न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश नवीन सिन्हा की अवकाश पीठ ने कहा कि मामूली आशंकाओं के चलते अंतरिम आदेश जारी नहीं किया जा सकता।
मामले पर सुनवाई की अगली तारीख सात जुलाई तय करते हुए शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता शांता सिन्हा और कल्याणी सेन मेनन की ओर से उपस्थित वरिष्ठ वकील श्याम दीवान से ऐसे सबूत पेश करने के लिए कहा, जो दिखाते हों कि आधार न होने के कारण लोगों को जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हो।
अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अनिवार्य रूप से आधार बनवाने की अंतिम तारीख 30 जून से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है।
अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार करते हुए अवकाश पीठ ने नौ जून को जारी फैसले का हवाला दिया, जिसमें शीर्ष अदालत ने आय कर अधिनियम में शामिल किए गए नए अनुच्छेद 139एए को कायम रखा था। आयकर अधिनियम के अनुच्छेद 139एए के तहत आयकर रिटर्न भरने के लिए पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है।
अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि नौ जून को दिए गए फैसले में व्यक्त किए गए विचारों के बाद कुछ और कहने की जरूरत नहीं रह गई है।