वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी कई अहम नीतियां दुनिया भर में व्यापक स्तर पर लोकप्रियता खो रही हैं और कई देशों में अमरीका की छवि भी धूमिल हुई है। एक ताजा सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है।
वाशिंगटन की प्रख्यात अनुसंधान एजेंसी पीयू रिसर्च सेंटर द्वारा 37 देशों में कराए गए सर्वेक्षण को सोमवार को जारी किया गया, जिसके अनुसार सिर्फ 22 फीसदी लोगों को विश्वास है कि ट्रंप विदेश नीति के मामलों में सही काम कर रहे हैं।
ट्रंप से पहले राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा के समय कराए गए सर्वेक्षण की अपेक्षा इस बार बिल्कुल उलट परिणाम सामने आए हैं। ओबामा के कार्यकाल के आखिरी वर्ष में कराए गए इसी तरह के सर्वेक्षण में दुनिया भर के 64 फीसदी लोगों ने वैश्विक नीति में अमरीका की भूमिका पर भरोसा जताया था।
दुनिया भर के लोगों में अमरीकी राष्ट्रपति के प्रति भरोसे में तेज गिरावट दर्ज की गई है, खासकर उन देशों के नागरिकों के बीच, जिनके अमरीका से करीबी संबंध हैं और इनमें अमरीका के पड़ोसी देश मेक्सिको और कनाडा भी शामिल हैं।
जिन 37 देशों में यह सर्वेक्षण कराया गया, उनमें से सिर्फ दो देश ऐसे रहे, जिनमें ट्रंप को ओबामा से अधिक मत मिले। ये दोनों देश रूस और इजरायल हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार दुनिया भर में 65 फीसदी लोगों का मानना है कि ट्रंप असहिष्णु हैं और 62 फीसदी लोगों का मानना है कि ट्रंप एक खतरनाक व्यक्ति हैं।
जिन देशों में ट्रंप पर से सर्वाधिक भरोसा कम हुआ है, उन देशों में पूरे अमरीका की छवि को भी सर्वाधिक नुकसान हुआ है।
ओबामा के कार्यकाल के आखिरी वर्ष में किए गए सर्वेक्षण में जहां 64 फीसदी लोगों ने अमरीका के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी, वहीं अब सिर्फ 49 फीसदी लोग ही अमरीका को सकारात्मक अंदाज में देखते हैं।
अमरीका की सर्वाधिक नकारात्मक छवि जर्मनी (62 फीसदी), स्पेन (60 फीसदी) और नीदरलैंड्स (59 फीसदी) में दिखाई दी।
सर्वे में यह भी कहा गया है कि ट्रंप एकमात्र ऐसे वैश्विक नेता नहीं हैं, जिनमें लोगों का विश्वास कम हुआ है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (28 फीसदी) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (27 फीसदी) का प्रदर्शन भी इस सर्वेक्षण में खराब रहा, लेकिन ट्रंप के मुकाबले ठीक रहा।
यूरोप में 60 फीसदी लोगों ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल में भरोसा जताया है और उन्हें वामपंथी राजनीतिक धारा का बताया है, जबकि मर्केल दक्षिणपंथी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) से जुड़ी हुई हैं।