जयपुर। मुख्यमत्री वसुंधरा राजे प्रदेश का वर्ष 2015-16 का बजट सोमवार को पेश करेंगी। इस बार का बजट कुछ कड़वा रहने की सम्भावना बताई जा रही है।
बजट के दौरान प्रतिपक्ष की मौजूदगी पर संशय बना हुआ है क्योंकि इसके नौ विधायक निलम्बित हैं और कांग्रेस ने अभी तक बजट का बहिष्कार करने की घोषणा की हुई है। मुख्यमंत्री राजे का मौजूदा कार्यकाल में यह दूसरा बजट होगा। इससे पहले उन्होंने पिछले वर्ष जुलाई में राज्य का बजट पेश किया था।
प्रदेश में अब लगभग सभी तरह के चुनाव खत्म हो चुके हैं और राजे कई बार प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कह चुकी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार के बजट में लोक लुभावन घोषणाएं नहीं होंगी। इसके बजाए सरकार की आय बढाने के लिए कुछ नए कर या वैट में बढोतरी की जा सकती है।
इसके साथ ही पानी, बिजली जैसी कुछ जरूरी सेवाएं पीपीपी मोड में दिए जाने की घोषणा भी हो सकती है। केन्द्र सरकार ने अब राज्यों का हिस्सा बढा दिया है।
लेकिन माना जा रहा है कि इसका कुछ खास असर नहीं पडेगा, क्योंकि पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कमी के कारण सरकार के राजस्व में कमी आ रही है। यही कारण है कि बजट में कुछ कडे कदम दिख सकते है। इसके अलावा निशुल्क दवा, निशुल्क जांच जैसी पिछली सरकार की योजनाओं में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। सरकार इन्हें स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड सकती है।
कांग्रेस की मौजूदगी पर संशय- राजे के बजट भाषण के दौरान कांग्रेस की मौजूदगी पर संशय है। तीन मार्च को कांग्रेस के आठ एक और निर्दलीय विधायक के निलम्बन के बाद कांग्रेस ने बजट का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। इस घोषणा में अभी कोई बदलाव नहीं आया है। इस बारे में कांग्रेस सोमवार को सुबह ही रणनीति तय करेगी। हालांकि संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड कांग्रेस के नेताओं से सम्पर्क में हैं और उम्मीद की जा रही है कि राजे के बजट भाषण से पहले यह निलम्बन वापस लिया जा सकता है।