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नई दिल्ली। अंतर्कलह से जूझ रही आम आदमी पार्टी को बुधवार को दो गहरे झटके लगे जब पार्टी के के पूर्व विधायक ने आडियो स्टिंग जारी कर पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल तथा उनके दो विश्वस्त साथियों पर पिछले विधानसभा चुनावों में बहुमत जुटाने के लिए कांग्रेस विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया जिससे नाराज होकर वरिष्ठ नेता अंजली दमानिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
रोहिणी से पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने यह गंभीर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी कि केजरीवाल तथा उनके दो विश्वस्त साथियों मनीष सिसौदिया तथा संजय सिंह ने दिल्ली में सरकार बनाने के लिए जरूरी विधायकों का समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने अपने आरोप के समर्थन में एक संपादित आडियो क्लिप भी जारी किया।
उन्होंने दावा किया कि इस आडियो क्लिप में जो आवाज है वह केजरीवाल की है। उनका कहना था कि इससे आप नेतृत्व की सच्चाई और पारदर्शिता के दावों की कलई खुल जाती है। गर्ग के आडियो क्लिप के जारी होने के थेाड़ी ही देर बाद आप की महाराष्ट्र इकाई की वरिष्ठ नेता अंजलि दमानिया ने पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। दमानिया ने टि््वटर पर कहा “मैं पार्टी छोड़ रही हूं। मैं इस बकवास के लिए पार्टी में नहीं आई थी। मुझे अरविंद पर भरोसा था। मैंने सिद्धांतों के लिए अरविंद का समर्थन किया था विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए नहीं।”
अरविंद केजरीवाल खेमे के निशाने पर खडे योगेन्द्र यादव ने इस मामले पर कोई टिप्प्णी नहीं की लेकिन कहा कि उन्होंने तथा प्रशांत भूषण ने पार्टी के लोकपाल को पत्र लिखकर उनके ऊपर लगाए गए आरोपोें की जांच करने का आग्रह किया है। लोकपाल उन सभी आरोपों की जांच करें जो हमारे साथियों ने हम पर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में बहुत कुछ आ रहा है लेकिन हम फिलहाल मौन रहना चाहते हैं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से भी कुछ समय के लिए मैान रखने की अपील की।
गर्ग ने आप के “स्वराज “को भी ढकोसला करार दिया तथा कहा कि यहां सच बोलने वालों को बागी कहा जाता है, जबकि भ्रष्टाचारियों को सम्मान दिया जाता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस स्टिंग के बाद उन्हें अपनी जान को खतरा है। गर्ग ने पिछले वर्ष पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र और दिल्ली में दोबारा चुनाव कराए जाने की केजरीवाल की मांग पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्हें इस मामले में जनता से राय लेनी चाहिए थी।
राजधानी में पुन: चुनाव के लिए अपना टिकट कटने की संभावना के मद्देनजर उन्होंने पहले ही चुनाव न लड़ने का फैसला कर लिया था। यहां तक की जनवरी माह में रोहिणी में पार्टी की रैली के दौरान वे पार्टी के सीनियर लीडर आशुतोष से सरेआम भिड़ भी गए थे। हालांकि गर्ग को पहले केजरीवाल के मुखर समर्थक के रूप में जाना जाता था। इस घटनाक्रम के साथ ही पार्टी में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ अब हस्ताक्षर अभियान शुरू हो गया।
आप के विधायकों ने राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को पत्र लिखकर प्रशांत और योगेंद्र के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की है। इस पत्र मे लिखा गया है कि इन दोनों को पार्टी से निकालकर लोगों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। ताकि भविष्य में कोई दूसरा इस तरह का काम न करे। इस मुहिम को शुरू करने वाले करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा का कहना है कि विधायक स्वयं आकर पत्र पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने की वजह से योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से निष्कासित किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारे एजेंडे को जो भी तोड़ने का प्रयास करेगा, उसे सहन नहीं किया जाएगा चाहे वह कोई भी हो। आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी इस बारे में विचार करेगी। लेकिन निर्णय क्या होगा, उसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह सकते।