रोम। इटली के पूर्व प्रधानमंत्री माटिओ रेंजी यह कहने पर वामपंथी विपक्षी पाटियों के निशाने पर आ गए हैं कि इटली को देश में शरण लेने वालों की निश्चित संख्या तय की जानी चाहिए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार सत्ताधारी मध्यम मार्गी-वामपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और प्रधानंत्री पद के लिए उम्मीदवार रेंजी पर आलोचकों ने आरोप लगाया कि वह 2018 में होने वाले आगामी आम चुनाव को देखते हुए दक्षिणपंथी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
इटली की हाल की नीति अफ्रीका और मध्य एशिया से युद्ध और अकाल के कारण वहां से भाग रहे हजारों लोगों को पनाह देने की है। ये शरणार्थी लीबिया से सिसिली होते हुए भूमध्यसागर में असुरक्षित नावों से बचाए जाने के बाद यहां पहुंच रहे हैं।
इटली के राष्ट्रीय समाचार पत्र ‘ला स्टांपा’ ने रेंजी के बयान को यह कह कर प्रकाशित किया है कि वह दक्षिणपंथी-आव्रजक विरोधी नेशनल लीग पार्टी के माटिओ सेल्विनी के समर्थकों को लुभा रहे हैं। अखबार ने खबर की सुर्खी दी है, ‘शरणार्थी संख्या पर प्रतिबंध लगाओ, रेंजी विपक्ष के निशाने पर। वह सेल्विनी की तरह हैं।’
सेल्विनी की पार्टी इटली में पिछले महीने हुए स्थानीय चुनावों में मजबूत के साथ उभरी है। इस चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी को महत्वपूर्ण जगहों पर हार का सामना करना पड़ा था।
समाचार पत्र ‘ला रिपब्लिका’ ने लिखा, ‘चलो शरणार्थियों की उनके खुद के घर में मदद करें। रेंजी के बयान पर विवाद, जोकि लीग (नेशनल लीग पार्टी) के स्लोगन की तरह लगता है।’
रेंजी ने कहा है कि इटली नैतिक रूप से सभी को अपने यहां लेने के लिए बाध्य नहीं है, लेकिन यह उसका नैतिक कर्तव्य है कि वह उन लोगों की मदद करे जिन्हें उनके अपने देश में मदद चाहिए। उन्होंने कहा है कि निश्चित ही हमें आव्रजकों की अधिकतम सीमा तय करनी होगी।
उन्होंने कहा कि इन आव्रजकों को सभी यूरोपीय देशों में बराबर संख्या में पनाह देनी चाहिए। जरूरत से अधिक आव्रजन किसी के लिए अच्छा नहीं साबित होगा। रेंजी के ये बयान उनकी किताब अवंती! (इटालियन फॉर फॉरवर्ड!) से लिए गए हैं। यह अगले हफ्ते बाजार में आएगी।