मुंबई। फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव का कहना है कि फिल्मों की सेंसरशिप को अलविदा कहने की जरूरत है।
बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म का प्रमाण पत्र पाने को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से काफी टकराव हुआ। सीबीएफसी ने इसे प्रमाण-पत्र देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद निर्माताओं ने फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया, जहां से इसे हरी झंडी मिली।
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इस मुद्दे पर श्रीवास्तव ने यहां कहा कि हम एक संकट के मोड़ पर हैं, 2017 में भारत के नागरिक के रूप में हमें यह फैसला करना है कि हमें हमारी स्वतंत्रता को लेकर दावा करना है और लोकतांत्रिक देश में आजादी के साथ रहना है या हमें संरक्षकता के साथ रहना है।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सेंसरशिप का समय खत्म हो गया है। सेंसरशिप को उचित और स्पष्ट रूप से अलविदा कहने की जरूरत है। हमें ऐसी प्रक्रिया को अपनाने की जरूरत है जो प्रमाणीकरण के मामले में बहुत अधिक तथ्यपरक हो।
निर्देशक के मुताबिक ऐसे लोग हैं जो अपने सपनों को जीने की कोशिश करते हैं, पर गोपनीय तरीके से। फिल्म इसी बारे में है कि वे खुलकर अपने तरीके से जिंदगी जी सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि फिल्म लोगों को पसंद आएगी। फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ 21 जुलाई को रिलीज हो रही है।