नई दिल्ली। बीसीसीआई ने पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री को भारतीय क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल दो साल का रहेगा। शास्त्री वर्ल्ड कप 2019 तक टीम की कमान संभालेंगे।
कोच पद की दौड़ में शास्त्री के अलावा वीरेंद्र सहवाग और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर टॉम मूडी का नाम चल रहा था, लेकिन सीएसी ने शास्त्री के नाम पर मुहर लगा दी, जो कप्तान विराट कोहली की भी पसंद हैं।
इससे पहले मंगलवार को उस समय भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के चयन में एक और मोड़ आ गया, जब सर्वोच्च अदालत द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कामकाज देखने के लिए बनाई गई प्रशासकों की समिति ने बोर्ड से कहा कि राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच के नाम की घोषणा आज ही (मंगलवार को) की जाए।
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सूत्रों की मानें तो सीओए मानना था कि कोच के नाम की घोषणा के लिए किसी का इंतजार नहीं किया जाए और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) अपना फैसला बोर्ड को बताए।
गौरतलब है कि पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय सीएसी ने सोमवार को कोच चयन को नाटकीय मोड़ देते हुए अपना फैसला रोक लिया था और कहा था कि वह टीम के कप्तान विराट कोहली से बात करने के बाद कोच के नाम का ऐलान करेगी।
सीएसी ने सोमवार को पांच लोगों के इंटरव्यू लिए थे। इन पांच लोगों में रवि शास्त्री, वीरेंद्र सहवाग, रिचर्ड पायबस, लालचंद राजपूत और टॉम मूडी शामिल रहे।
गांगुली ने सोमवार को कोच पद के लिए इंटरव्यू लेने के बाद कहा था कि हमने फैसला किया है कि हम कुछ समय के लिए कोच पद के नाम की घोषणा को रोकेंगे। हमें इसके लिए कुछ और दिनों की जरूरत है और साथ ही हम कुछ संबंधित लोगों से बात करना चाहते हैं। इसके बाद हम अंतिम फैसला लेते हुए कोच के नाम का ऐलान करेंगे। हम इस समय किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं।
दरअसल, सीओए के अध्यक्ष विनोद राय हैं और इसके सदस्यों में विक्रम लिमिए और डायना इडुल्जी शामिल हैं। कोच की दौड़ में शास्त्री का नाम सबसे आगे माना जा रहा था। इसकी वजह कप्तान कोहली और शास्त्री के संबंध थे। कोहली, शास्त्री के पक्ष में खड़े थे।
गौरतलब है कि अनिल कुंबले ने कप्तान कोहली से मतभेद की बात स्वीकार करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 18 जून को संपन्न हुए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी तक का था, बोर्ड ने विंडीज दौरे तक उनके कार्यकाल को विस्तार दिया था, लेकिन, कुंबले ने अचानक इस्तीफा दे दिया और विंडीज दौरे पर भारतीय टीम के साथ नहीं गए।