कोहिमा। नगालैंड के राज्यपाल पीबी आचार्य ने प्रदेश में सत्तारूढ़ नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) में भारी अंतर्कलह तथा मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग के मद्देनजर मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सु को 15 जुलाई तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक यह निर्देश प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री टी.आर.जेलियांग द्वारा राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर अपना दावा सौैंपने के बाद दिया गया है। जेलियांग ने 34 विधायकों तथा सात निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा किया है।
राजनीतिक अस्थिरता ऐसे वक्त में सामने आई है, जब लीजीत्सु 29 जुलाई को नॉर्दर्न अंगामी-आई विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
जनजाति समूहों द्वारा महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने के विरोध में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद जेलियांग ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 22 फरवरी को लीजीत्सु मुख्यमंत्री बने थे।
जेलियांग ने नई सरकार बनाने के दावे को लेकर रविवार को राज्यपाल को एक खत लिखा था। अगले ही दिन लीजीत्सु ने अपने चार शीर्ष मंत्रियों तथा 10 संसदीय सचिवों को बर्खास्त कर दिया। यह बर्खास्तगी मुख्यमंत्री को हटाने की मांग के प्रतिक्रिया स्वरूप की गई।
पार्टी के विधायक दल में विद्रोह तब शुरू हुआ, जब कुछ सदस्यों ने लीजीत्सु पर अपने बेटे ख्रिहू लीजीत्सु को कैबिनेट मंत्री का दर्जा और वेतन के साथ अपना सलाहकार नियुक्त करने को लेकर ‘भाई-भतीजावाद’ करने का आरोप लगाया।
पिता को मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रखने के लिए ख्रिहू ने नॉर्दर्न अंगामी-आई विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया। वहीं उन्होंने सोमवार को नियुक्ति से इनकार किया।
60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नागालैंड गठबंधन में एनपीएफ के 47 विधायक, भारतीय जनता पार्टी के चार तथा आठ निर्दलीय विधायक हैं। एक सीट खाली है।