शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में स्कूली छात्रा से गैंगरेप व हत्या के मामले में लोगों के बढ़ते आक्रोश व मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रदेश सरकार शुक्रवार को मामले की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करने पर सहमत हो गई।
एक आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के हवाले से कहा गया है कि सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले में संवेदनशीलता के मद्देनजर और सभी संदेहों, अगर कोई हों तो, को दूर करने के लिए सरकार ने मामले को सीबीआई को देने का फैसला किया है।
आधिकारिक यात्रा से राजधानी लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने हालात की जानकारी ली। मामले में पुलिस पर गुनाहगारों को बचाने का आरोप लगाते हुए थेओग कस्बे के लोगों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया और पुलिस थाने का घेराव कर मामले में सीबीआई जांच की मांग की।
इसे लेकर राजधानी शिमला, थेओग व कोटखाई के दुकानदारों ने पीड़ित के परिवार के साथ एकजुटता दिखाते हुए दुकानें बंद कर दीं।
एक आरोपी को अस्पताल ले जाने के दौरान एक महिला ने उस पर जूता फेंका। आरोपी को पुलिस चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले गई थी।
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-5 को कई घंटों तक बंद रखा। यह शिमला को ऊपरी शिमला जिले से जोड़ता है। उन्होंने पुलिस थाने का भी घेराव किया, जहां पुलिस अधीक्षक डी.डब्ल्यू नेगी मौजूद थे और प्रदर्शनकारियों ने नेगी की सरकारी वाहन का शीशा तोड़ दिया।
पीड़ित के चाचा ने संवाददाताओं से कहा कि हम मामले को सीबीआई को जांच की मांग करते हैं। हम मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भरोसा चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस दस दिनों से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले पर चुप्पी साधे है और अचानक गुरुवार को पांच और आरोपियों के गिरफ्तारी के घोषणा कर दी। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमें संदेह है कि वास्तविक आरोपी अभी भी स्वतंत्र घूम रहे हैं।
इसी से जुड़े घटनाक्रम में पुलिस महानिरीक्षक जहूर एच. जैदी शुक्रवार को छुट्टी पर चले गए। जैदी मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल की अगुवाई कर रहे थे।
अपराध के एक हफ्ते से ज्यादा समय बाद पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल ने गुरुवार को कहा था कि पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहशिमला जिले के कोटखाई में लड़की से दुष्कर्म व हत्या मामले में एक आरोपी को बुधवार को गिरफ्तार किया गया और पांच अन्य को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।”
आरोपियों की आयु 19 से 42 साल के बीच है। इसमें दो नेपाली व दो उत्तराखंड के लोग शामिल हैं। यह खेतिहर मजदूर हैं, जो कोटखाई में बसे हैं।
आरोपियों ने 16 साल की लड़की को 4 जुलाई को स्कूल से घर लौटते समय एक वाहन में लिफ्ट देने की पेशकश की थी। आरोपियों ने उससे पास के जंगल में दुष्कर्म किया और हत्या कर दी। लड़की का शव दो दिनों बाद पाया गया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में लिफ्ट देने वाला राजेंद्र सिंह शामिल है। यह मामले का मुख्य आरोपी है। अन्य आरोपियों में आशीष चौहान, सुभाष बिष्ट, दीपक कुमार, सूरत सिंह व लोकजन शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि प्रमुख आरोपी का पीड़ित के साथ परिचय था। इससे पहले वह लड़की को दो बार लिफ्ट दे चुका था।