कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर दिए विवादास्पद बयान को लेकर शनिवार को मामला दर्ज किया गया।
अभिनय के राजनीति में कदम रखने वाली रूपा ने शुक्रवार को कहा था कि दूसरे राज्यों के लोग यदि अपनी मां-बेटी को पश्चिम बंगाल भेजते हैं, तो राज्य में वे 15 दिन भी सुरक्षित नहीं रह सकेंगी और उनके साथ दुष्कर्म हो जाएगा।
एक कार्यक्रम के दौरान रूपा ने कहा था कि मैं तृणमूल का समर्थन करने वाली सभी पार्टियों के नेताओं से कहना चाहती हूं..वे अभी बहू-बेटियों, भाभी-बीवियों को ममता की मेहमननवाजी के बगैर राज्य में रहने के लिए भेजें। अगर 15 दिन भी बगैर दुष्कर्म हुए रह गए, तब आकर मुझे बताना।
रूपा के इस बयान पर क्रोधित राज्य के ऊर्जा मंत्री और तृणमूल के वरिष्ठ नेता सोभनदेब चटर्जी ने कहा कि वह खुद को संस्कारी महिला बताती हैं और इस तरह की टिप्पणी करती हैं। उन्होंने जो कुछ कहा है कि उससे बंगाल की छवि खराब हुई है।
शनिवार को उत्तरी 24 परगना जिले के निम्टा पुलिस थाने में रूपा के खिलाफ सार्वजनिक हानि और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया है। इसके बावजूद रूपा गांगुली अपने पिछले बयान पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि अपनी टिप्पणी वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। वास्तव में 15 दिन भी ज्यादा हैं।
इस बीच खड़गपुर में अपने विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने खिलाफ कार्रवाई करने की खुली चेतावनी दे डाली।
दिलीप ने कहा कि अगर आपमें हिम्मत है तो दिलीप घोष को छूने की कोशिश करके देखिए। मैं बंगाल को हिला कर रख दूंगा..दार्जिलिंग में आपने क्या देखा? आपके घर जला दिए जाएंगे।