नई दिल्ली। सोमवार को होने वाले देश के अगले राष्ट्रपति पद के चुनाव में सांसद और विधायक अपनी पेन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे, बल्कि मतदान के लिए वे खास तौर पर डिजाइन किए गए पेन का इस्तेमाल करेंगे। निर्वाचन आयोग ने रविवार को कहा कि किसी अन्य पेन से डाला गया मत अवैध करार दिया जाएगा।
आयोग ने आम चुनावों में मतदाताओं की उंगलियों पर लगाई जाने वाली अमिट स्याही के आपूर्तिकर्ता मैसूर पेंट्स से बैंगनी रंग की स्याही वाले इस खास पेन को खरीदा है। इस पेन का अपना एक अद्वितीय सीरियल नंबर होता है तथा संसद और राज्य विधानसभाओं में मतदान करने से ठीक पहले मतदाता सांसद/विधायक को यह पेन दी जाएगी।
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राज्यसभा के लिए हुए मतदान के दौरान पिछले साल हरियाणा में उपजे विवाद के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने यह अनूठी पहल की है।
पिछले साल सितंबर में कांग्रेस के 14 विधायकों के मत अवैध करार दे दिए गए थे, क्योंकि उन्होंने आधिकारिक तौर पर प्रदान की गई पेन की जगह किसी और पेन से मतदान कर दिया था।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि खास तौर पर डिजाइन की गई पेन हर जगह भेज दी गई है, ताकि मतदान के लिए सिर्फ आयोग द्वारा प्रदत्त उपकरणों का ही इस्तेमाल सुनिश्चित हो सके।
वक्तव्य में कहा गया है कि वोटिंग चैंबर में प्रवेश करने से पहले निर्वाचन अधिकारी मतदाता के पास मौजूद उनका निजी पेन रख लेगा और मतदाता विधायकों/सांसदों को मतदान करने के लिए एक खास पेन प्रदान करेगा। मतदान करने के बाद इस खास पेन को निर्वाचन अधिकारी को लौटाना भी होगा।
आयोग ने कहा कि किसी भी अन्य पेन से मतदान करने पर मतगणना के दौरान मत को अवैध करार दिया जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए खास तौर पर जागरूकता फैलाने वाले पोस्टर तैयार करवाए हैं, जिनमें बताया गया है कि मतदान के दौरान क्या करें और क्या न करें। इन पोस्टरों का उद्देश्य शांतिपूर्वक मतदान संपन्न कराना है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 32 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें से एक मतदान केंद्र संसद भवन के कमरा संख्या-62 में बनाया गया है, जबकि हर राज्य की विधानसभा में एक-एक मतदान केंद्र स्थापित किया गया है।
मतदान में इस्तेमाल होने वाले मतपत्र दो रंगों में होंगे। हरे रंग के मतपत्रों का इस्तेमाल सांसदों के लिए और गुलाबी रंग के मतपत्रों का इस्तेमाल विधायकों के लिए होगा।
सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में कुल 776 सांसदों और 4,120 विधायकों को मतदान का अधिकार है। मतों की गणना 20 जुलाई को होगी।
निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव कराने के लिए 33 पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है। इनमें से दो पर्यवेक्षक संसद में और प्रत्येक राज्य की विधानसभा में एक-एक पर्यवेक्षक तैनात रहेगा।
निर्वाचन आयोग ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन तथा मुकुल रॉय सहित राज्यसभा के 14 सदस्यों को भी मतदान की इजाजत दी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 41 लोकसभा सदस्य अपने-अपने राज्यों की विधानसभा में मतदान करेंगे।
इसी तरह आयोग ने पांच विधायकों को संसद में तथा पांच अन्य विधायकों को दूसरे राज्यों की विधानसभा में मतदान करने की इजाजत दी है।