मंदसौर। गुजरात के पाटीदार समाज के युवा नेता हार्दिक पटेल ने यहां रविवार को केंद्र और प्रदेश सरकारों से मांग की कि आजादी के वर्ष (1947) से कृषि और मिल उत्पादों की दर समानुपातिक होनी चाहिए, किसानों का कर्ज माफ किया जाए और कृषि संसाधनों को कर मुक्त किया जाए।
मंदसौर जिले में छह जून को पुलिस ने छह किसानों की जान ले ली थी। इसके विरोध में आयोजित किसान पंचायत में हिस्सा लेने हार्दिक पटेल रविवार को नारायणगढ़ पहुंचे।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद मिल उत्पादों की दरें तो चार सौ गुना बढ़ गई हैं, मगर कृषि उत्पादों की दर सौ गुना भी नहीं बढ़ी है, लिहाजा सरकारों को कृषि और मिल उत्पादों की दर समानुपातिक रूप से आजादी के वर्ष को आधार बनाकर तय करना चाहिए।
इस किसान पंचायत में प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें मांग की गई है कि मंदसौर में किसानों पर गोली चलाने वाले पुलिस वालों पर तुरंत मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी हो, किसानों का कर्ज माफ हो और पुलिस की गोली से मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए।
हार्दिक के साथी और जनता दल (युनाइटेड) के नेता अखिलेश कटियार ने आईएएनएस को बताया कि मंदसौर की पिपलिया मंडी में किसानों पर पुलिस ने निर्मम कार्रवाई की थी, जिसमें छह किसान शहीद हुए थे। इसी को लेकर रविवार को नारायणगढ़ में किसान पंचायत हुई। इस पंचायत में हिस्सा लेने बड़ी संख्या में किसान नारायणगढ़ पहुंचे।
हार्दिक पटेल राजस्थान के उदयपुर, नीमच होते हुए नारायणगढ़ पहुंचे, रास्ते में जगह-जगह उनका स्वागत किया गया, कई स्थानों पर उन्हें परंपरागत साफा भी बांधा गया। हार्दिक के साथ वाहनों का लंबा काफिला भी था।
हार्दिक के आगमन को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन ने भारी सुरक्षा के इंतजाम किए थे। जगह-जगह पुलिस बल तैनात किए गए थे। किसानों के वाहनों को आयोजन स्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर रोका गया, उसके बावजूद बड़ी संख्या में किसान पंचायत स्थल तक पहुंचे।
मंदसौर में पुलिस कार्रवाई में मारे गए अधिकांश किसान पाटीदार समाज के हैं और इसी को लेकर इस क्षेत्र में पाटीदार लामबंद होने लगे हैं। उनमें भाजपा सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। यह बात किसान पंचायत में जाहिर भी की गई।