जयपुर। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत में प्राक्सी वार के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। यह खुद पाकिस्तान के हित में रहेगा।
उन्होंने देश में आतंकवाद के लिए सीमा पार से मिल रहे समर्थन को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई आतंकी संगठनों को समर्थन देना बंद कर दे तो पूरे दक्षिण एशिया में हालात सुधर सकते हैं।
राजनाथ सिंह गुरूवार को जयपुर में इंडिया फाउंडेशन तथा सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय जोधपुर की ओर से काउंटर टेरेरेज्मि पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्धाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इतनी बड़ी कीमत चुकाने के बाद भी पाकिस्तान अच्छे और बुरे आतंकवाद की बात करता है, जबकि यह धारणा पूरी तरह फेल हो चुकी है। भारत कई दशक से सीमा पार आतंकवाद को झेल रहा है।
लश्करे तैयबा और जैश-ए-मोहम्म्द जैसे संगठन भारत में कई आतंकवादी घटनाएं कर चुके हैं। उन्होंने आतकंवाद के मामले में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत भी बताई और कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए देषों के बीच खूफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा अपराधियों पर कार्रवाई के मामले सहयोग करना चाहिए ताकि जो देष आतंक को अपनी रणनीति का हिस्सा मानते हैं, उन पर दबाव पड़ सके।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवादी संगठन आज घर बैठे आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते हैं। यह तकनीक का खतरनाक का इस्तेमाल हे। उन्होने कहा कि आईएसआईएस जैसे संगठन अपनी कटटरपंथी विचाराधारा फैलाने में भी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने हाल में विषेषज्ञ समिति का गठन किया है जो साइबर अपराध और इसके आतंकवाद से जुडाव के सभी पहलूओं का अध्ययन कर रही है।
सिंह ने कहा कि आईएसआाईएस जैसे संगठन पूरी दुनिया के युवाओं के दिमाग में नफरत भर रहे हैं। यह पहली बार देखने में आ रहा है कि दुनिया भर के विरोध के बावजूद इस तरह का संगठन इतने बडे भौगोलिक क्षेत्र को प्रभावितभी कर रहा है और इसे अपना काम करने के लिए धन भी मिल रहा है। इसके बावजूद मुझे इस बात की खुषी है कि हमारे यहां कुछ मुठ्ठी भर मुसलमान युवा ही इनके विचारों से प्रभावित हो रहे हैं।
आईएसआईएस भारत के मुसलमानों को प्रभावित करने में नाकाम रहा है, क्योंकि यहां मुसलमान देश की मुख्य धारा से जुडे हैं, देशभक्त हैं और इस तरह की कट्टरवादी विचारधारा से प्रभावित नहीं हैं। भारत को अपनी विभिन्नता पर गर्व है। यहां मुसलमानों की दूसरी सबसे बडी आबादी है और मुसलमानों के सभी 72 फिरके यहां रहते हैं, लेकिन सदियों से सभीषांतिपूर्ण सहअस्तित्व में विष्वास रखते हैं।
इस मौके पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि आतंकवाद के मामले में मानवाधिकार संरक्षण का राग अलापना बंद होना चाहिए, क्योंकि जो लोग इन घटनाओं में मारे जाते हैं, उनके भी मानवाधिकार होते हैं। उन्होंने आतंकवाद में तकनीक के इस्तेमााल को चिंताजनक बताया और कहा कि कोई भी देष या राज्य तभी तरक्की कर सकता है, जब वहां सुरक्षा व स्थिरता हो। सत्र को राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया और सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय के कुलपति एम.एल.कुमावत ने भी सम्बोधित किया।
मनोहर परिकर आएंगे आज- तीन दिन के इस सम्मेलन में दक्षिण एशियाई देशो के अलावा अमेरिका, चीन, रूस सहित विभिन्न यूरोपीय देशों के रक्षा विशेषज्ञ शामिल हो रहे है। शुक्रवार को एक सत्र में रक्षा मंत्री मनोहर परीकर और इंडिया फाउंडेशन के निदेशक राम माधव अपनी बात कहेंगे। सम्मेलन के समापन सत्र में शनिवार को समापन सत्र में रेल मंत्री सुरेष प्रभु तथा गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू मौजूद रहेंगे।