नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया से विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में मिली हार के बाद पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह-उल-हक, यूनुस खान और हरफनमौला शाहिद अफरीदी का एकदिवसीय क्रिकेट कैरियर खत्म हो गया।
श्रीलंका के महान बल्लेबाजों कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने की तरह से पहले से ही एकदिवसीय से संन्यास लेने का ऐलान करने वाले मिस्बाह अपने अंतिम मैच में न टीम को जीत दिला सके और न ही बल्ले से बड़ी पारी खेल सके। संगकारा और जयवर्धने भी अपने अंतिम मैच में बुरी तरह से नाकाम रहे थे।
मिस्बाह की कप्तानी में पाक टीम ने 23 साल बाद उस इरादे से एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की धरती पर कदम रखा जहां उसने 1992 में इमरान खान की अगुवाई में पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
एडिलेड में खेले गए टूर्नामेंट के तीसरे क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पाक के बल्लेबाज बुरी तरह से नाकाम रहे और पूरी टीम 213 रन बनाकर आउट हो गई और इस आसान लक्ष्य को मेजबान कंगारुओं ने 35 ओवर से पहले ही हासिल कर लिया।
मिस्बाह के साथ ही दो अन्य बड़े क्रिकेटरों यूनुस खान और धाकड़ बल्लेबाज शाहिद अफरीदी का एकदिवसीय करियर यहीं पर खत्म हो गया। इन दोनों ने भी विश्व कप के बाद संन्यास लेने का ऐलान किया था। हालांकि अफरीदी पहले भी अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास लेते रहे हैं और वापसी करते रहे हैं।
युनूस अगर संन्यास लेना का फैसला नहीं बदलते हैं तो उनका निराशाजनक करियर का समापन होगा क्योंकि आज के मैच में उन्हें अंतिम एकादश में नहीं रखा गया था।क्वार्टर फाइनल में हार के साथ ही कप्तान मिस्बाह-उल-हक का एकदिवसीय करियर यहीं पर खत्म हो गया।
एकदिवसीय करियर की बात है तो मिस्बाह ने कुल 162 मैच खेले जिसमें 148 पारियों में कुल 5122 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 42 अर्धशतक लगाए लेकिन वह एक भी शतकीय पारी खेलने में नाकाम रहे।
एकदिवसीय में एक भी शतक के बगैर 5 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले वह दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं। मिस्बाह एकदिवसीय और टी-20 से संन्यास लेने के बाद वह टेस्ट क्रिकेट में पाक टीम की अगुवाई करते रहेंगे। वहीं अफरीदी टी-20 क्रिकेट में खेलते रहेंगे।