मेलबर्न। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष मुस्तफा कमाल ने भारत और बांग्लादेश के बीच गुरूवार को हुए क्वार्टरफाइनल मैच के दौरान रोहित शर्मा के एक विवादित नो बॉल के निर्णय को लेकर अंपायरों पर सवाल उठाए हैं हालांकि आईसीसी ने मैच अधिकारियों का समर्थन किया है।
गुरूवार को मैच के दौरान भारतीय ओपनर रोहित शर्मा तेज गेंदबाज रूबैल हुसैन की गेंद पर कैच थमा बैठे लेकिन अंपायर अलीम डार ने कहा कि गेंदबाज ने निर्धारित ऊंचाई से ज्यादा गेंद फेंकी और उन्होंने उसे नो बॉल करार दिया हालांकि रिप्ले में यह दिखा कि गेंद सही फेंकी गई थी।
रोहित तब 90 के स्कोर पर थे और उन्होंने 126 गेंदों में 137 रन बनाए। भारत ने इस मैच में बांग्लादेश को 109 रनों से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के पूर्व प्रमुख और अब आईसीसी अध्यक्ष मुस्तफा अंपायरों के निर्णय से असंतुष्ट है और उन्होंने आईसीसी से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह किया है।
कमाल ने कहा कि मैंने जो देखा उसके अनुसार अंपायरिंग बहुत खराब थी। अंपायरिंग में कोई गुणवत्ता नहीं थी। ऎसा लग रहा था जैसे वह किसी मानसिकता के साथ मैच में उतरे। मैं एक प्रशंसक के तौर पर बोल रहा हूं न कि आईसीसी अध्यक्ष के तौर पर।
उन्होंने कहा कि आईसीसी देखेगा कि क्या यह जानबूझकर किया गया। हर चीज रिकार्ड में है। आईसीसी ने अभी जांच नहीं की है। वहीं आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने कमल के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। रिचर्डसन ने कहा कि आईसीसी ने मुस्तफा की टिप्पणियों पर ध्यान दिया जोकि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन वह उनके व्यक्तिगत विचार है।
आईसीसी अध्यक्ष के तौर पर उन्हें आईसीसी मैच अधिकारियों की आलोचना करते हुए ज्यादा विचारशाील होना चाहिए। मैच अधिकारियों की ईमानदारी पर प्रश्न नहीं उठाए जा सकते। नो बॉल का निर्णय 50-50 फै सला था। इस खेल की स्प्रिट कहती है कि अंपायरों का निर्णय अंतिम है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व विकेटकीपर रिचर्डसन ने कहा कि ऎसा कहना कि मैच अधिकारियों का कोई एजेंडा था या उन्होंने गलत निर्णय लिया, ऎसी सभी बातें आधारहीन है और इसका कड़े शब्दों में खंडन कि या जाता है।