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कांग्रेस ने वेंकैया नायडू की ईमानदारी पर निशाना साधा - Sabguru News
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कांग्रेस ने वेंकैया नायडू की ईमानदारी पर निशाना साधा

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कांग्रेस ने वेंकैया नायडू की ईमानदारी पर निशाना साधा
Congress attacks venkaiah naidu on probity
Congress attacks venkaiah naidu on probity
Congress attacks venkaiah naidu on probity

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एम. वेंकैया नायडू पर पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा को लेकर निशाना साधा।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि तेलंगाना सरकार ने वेंकैया के बेटे की कंपनी को वाहनों की खरीद का सीधा ठेका दे दिया और एक ट्रस्ट को दो करोड़ रुपए के शुल्क में छूट दे दी, जिसमें उनकी बेटी प्रबंध न्यासी हैं।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नायडू और भारतीय जनता पार्टी से चार सवाल पूछे और कहा कि उनके लिए इनके उत्तर देना जरूरी है, क्योंकि वे पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी की बात करते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार भ्रष्टाचार और गलत कामों के लिए शून्य सहनशीलता की बात कही है।

रमेश ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने इस साल जून में एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत नायडू की बेटी के स्वर्ण भारती ट्रस्ट को हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण को दो करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि के शुल्क अदा करने से छूट दी गई है।

रमेश ने कहा कि क्या यह सही नहीं है कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि उनकी बेटी संगठन की प्रबंध न्यासी हैं।

इससे पहले जुलाई 2014 में तेलंगाना सरकार ने दो कंपनियों नायडू के बेट की कंपनी हर्षा टोयोटा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे की कंपनी हिमांशु मोटर्स को 271 करोड़ रुपए के पुलिस वाहनों की खरीद का ठेका दिया था।

रमेश ने कहा कि क्या यह सही नहीं है कि यह ठेका सभी नियमों को ताक पर रखकर और बिना निविदा जारी किए दिया गया था?

उन्होंने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे मेमोरियल ट्रस्ट को सितंबर 2004 में शाहपुरा, भोपाल में करोड़ों रुपये मूल्य की 20 एकड़ जमीन आवंटित की गई और जनवरी 2007 में उसकी लीज डीड रजिस्टर की गई।

उन्होंने पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने यह भूमि मात्र 25 लाख रुपए के एक बार के प्रीमियम और एक रुपए के वार्षिक किराए पर आवंटित की थी? क्या यह सही नहीं है कि भाजपा सरकार ने पक्षपात करते हुए ‘भू-उपयोग’ को भी ‘आवासीय और वन’ से ‘व्यावसायिक’ में तब्दील कर दिया था?

कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि सर्वोच्च न्यायालय ने छह अप्रेल, 2011 को यह आवंटन रद्द कर दिया था?

रमेश ने आरोप लगाया कि नायडू पर आंध्र प्रदेश में गरीबों और निराश्रितों के लिए आरक्षित 4.95 एकड़ भूमि हड़पने का आरोप है।

उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सही नहीं है कि सार्वजनिक शर्मिदगी और गड़बड़ी के आरोपों के बाद नायडू को 17 अगस्त, 2002 को 4.95 एकड़ की यह भूमि लौटानी पड़ी थी?