नई दिल्ली। पूर्व भाजपा सदस्य और आरएसएस कार्यकर्ता राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की।
प्रधान न्यायाधीश जे.एस. केहर ने संसद के केंद्रीय कक्ष में निर्वतमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में कोविंद को पद की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह के तत्काल बाद कोविंद (71) ने देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने के लिए मुखर्जी से कुर्सी की अदला बदली की।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, निवर्तमान उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी और सांसद भी केंद्रीय कक्ष में मौजूद थे। बिहार के पूर्व राज्यपाल कोविंद के.आर. नारायणन के बाद देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति हैं।
कोविंद ने संविधान के पालन का वचन दिया
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के थोड़ी देर बाद संविधान की रक्षा और पालन करने का वचन दिया। उन्होंने साथ ही न्याय, स्वंतत्रता और समानता के मूल्यों के पालन का भी वचन दिया।
कोविंद ने संसद सदस्यों और मुख्यमंत्रियों समेत विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए कहा कि अनेकता में एकता भारत की ताकत है।
नए राष्ट्रपति ने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में शपथ लेने के बाद कहा कि हम सभी अलग हैं फिर भी एक और एकजुट हैं। ये हमारे पारंपरिक मूल्य हैं। इसमें न कोई विरोधाभास है और न ही किसी तरह के विकल्प का प्रश्न उठता है।
उन्होंने प्राचीन भारत के ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को साथ लेकर चलने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि हमें तेजी से विकसित होने वाली एक मजबूत अर्थव्यवस्था, एक शिक्षित, नैतिक और साझा समुदाय, समान मूल्यों वाले और समान अवसर देने वाले समाज का निर्माण करना होगा। एक ऐसा समाज, जिसकी कल्पना महात्मा गांधी और दीन दयाल उपाध्याय जी ने की थी।
राम नाथ कोविंद ने महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि
देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। काले रंग का सफारी सूट पहने कोविंद के साथ उनकी पत्नी भी थीं। उन्होंने राष्ट्रपिता को पुष्पांजलि अर्पित की। कोविंद (71) को गांधीजी का एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।