नई दिल्ली। देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में मंगलवार को शपथ ग्रहण करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी समर्थित देश के पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पहले भाषण में ही संघ परिवार को पसंद आने वाले विचारकों का जिक्र करना नहीं भूले।
राष्ट्रपति कोविंद अपने भाषण में देश की राजनीति के ऐसे दिग्गजों का जिक्र करने से साफ-साफ बचते दिखे, जिनका संबंध कांग्रेस से था और जिनका जिक्र किया भी, उन्हें कहीं न कहीं भगवा ताकतें पसंद करती हैं।
कोविंद ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का भी जिक्र किया। अपने भाषण के शुरुआत में ही कोविंद ने अपने पूर्ववर्तियों को याद करते हुए कहा कि मुझे इस बात का पूरा एहसास है कि मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और मेरे पूर्ववर्ती प्रणब मुखर्जी, जिन्हें हम स्नेह से प्रणब दा कहते हैं, जैसी विभूतियों के पदचिह्निों पर चलने जा रहा हूं।
अगले ही वाक्य में राष्ट्रपति कोविंद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के योगदान का जिक्र किया। कोविंद ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू या किसी अन्य कांग्रेस नेता का जिक्र किए बगैर कहा कि बाद में, सरदार पटेल ने हमारे देश का एकीकरण किया। हमारे संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने हम सभी में मानवीय गरिमा और गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया।
कोविंद ने दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा कि ये हमारे मानवीय मूल्यों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। ये हमारे सपनों का भारत होगा। ऐसा ही भारत 21वीं सदी का भारत होगा।