नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मंगलवार को पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को पश्चिम बंगाल से फिर से राज्यसभा चुनाव में खड़ा न करने का फैसला किया है। माकपा का इस फैसले के पीछे कहना है कि वह कांग्रेस से समर्थन नहीं ले सकती।
पार्टी पोलितब्यूरो के एक सदस्य ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि सीताराम येचुरी को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा। वास्तव में हम किसी भी नहीं उतार रहे, क्योंकि हमारे पास संख्या बल नहीं है और हम कांग्रेस से समर्थन नहीं लेना चाहते, क्योंकि यह हमारी पार्टी लाइन के खिलाफ जाएगा।
इसके बावजूद पार्टी की बंगाल इकाई येचुरी को तीसरे कार्यकाल के लिए राज्यसभा भेजना चाहती है, जबकि पार्टी की केरल इकाई इसके विरोध में है। सबसे बड़ी बात यह है कि पार्टी के नियमों के मुताबिक भी पार्टी का कोई नेता दो बार से अधिक राज्यसभा का सदस्य नहीं हो सकता।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती हैं कि येचुरी राज्यसभा चुनाव में खड़े हों। गौरतलब है कि येचुरी कांग्रेस के समर्थन से ही राज्यसभा पहुंचे हैं। वाम मोर्चा के पास 32 विधायकों का समर्थन है, जिसमें माकपा के 26 विधायक पश्चिम बंगाल विधानसभा से हैं, जबकि कांग्रेस के 44 विधायक हैं। कांग्रेस के समर्थन से येचुरी राज्यसभा में निर्वाचित हो सकते हैं।
पश्चिम बंगाल के छह राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 18 अगस्त को समाप्त हो रहा है, जिनमें येचुरी भी शामिल हैं।