रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश में पहली बार किसी किसान ने मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या की है। किसान ने मुख्यमंत्री से मांग भी की है कि हो सके तो मुख्यमंत्री उसके परिवार की मदद करें।
उन्होंने पत्रकारवार्ता में कहा कि प्रदेश में 23 किसानों की आत्महत्या के मामले की जांच कांग्रेस की ओर से लगातार कराई जा रही है। बातें यहीं नहीं थमेंगी, विधानसभा के मानसून सत्र में इस संवेदनशील मामले को जोर-शोर से उठाया जाएगा।
बघेल ने बताया कि कबीरधाम जिले के पिपरिया थाना अंतर्गत डेहरी ग्राम में किसान संतोष साहू के आत्महत्या मामले की जांच करने कांग्रेस का एक दल गया था, जिसकी जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। किसान के परिजन, गांववासियों से चर्चा में साफ प्रतीत होता है कि किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की है।
पता चला कि मृतक संतोष साहू गुड़ फैक्ट्री जमीन के लिए डायवर्सन करवाना चाहता था, कलेक्टर की ओर से आवेदन खारिज होने से परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली। डायवर्सन के लिए 50 हजार घूस लेने की बात भी सामने आई है।
जांच दल को यह भी जानकारी मिली कि कवर्धा में हटकी सूदखोरों से ऋण लेने से संतोष साहू की ढाई एकड़ जमीन बिकने के कारण वह काफी परेशान था। उस पर बैंक एवं सहरकारी समिति का कृषि ऋण बकाया था।
भूपेश ने कहा कि प्रदेश में यह पहली घटना है, जिसमें किसान ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर खुदकुशी की है। वह पत्र पुलिस की ओर से सार्वजनिक नहीं किया जा रहा और ना ही कांग्रेस के जांच दल को दिखाया गया।
मृतक के परिजनों व ग्रामवासियों से पता चला कि पुलिस ने पंचनामा के समय पढ़कर सुनाया था। किसान ने पत्र में मुख्यमंत्री से कहा है कि हो सके तो मेरे परिवार की मदद करना। बाकी बातें तो पत्र के सामने आने पर ही पता चल सकेगी।
भूपेश ने कहा कि प्रदेश में यह किसान आत्महत्या का 23वां मामला है। पता चला है कि मंगलवार को मरवाही में भी एक किसान ने आत्महत्या की है।
किसान धनेंद्र साहू ने कहा कि जमीन का डायवर्सन होने से संतोष साहू का कर्ज उतर सकता था। पता चला कि उस पर 40 से 50 लाख का कर्ज हो गया था। धनेंद्र साहू ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जिला प्रशासन पर कार्रवाई होनी चाहिए। मृतक संतोष साहू के परिवार को 1 करोड़ की सहायता राशि दी जानी चाहिए।
किसान रवींद्र चौबे ने कहा कि कवर्धा के इस किसान आत्महत्या को भी पारिवारिक कारण से मौत बताने की कोशिश की जा रही है। कवर्धा में आज भी सूदखोरों और साहूकारों से कर्ज लेने की प्रथा है। इस बार नया हटकी ब्याज का मामला सामने आया है। ये हटकी ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज से भी ज्यादा खतरनारक है।
वहीं, मोहम्मद अकबर ने कहा कि कवर्धा हटकी ब्याज का केंद्र बन चुका है। इस ब्याज पद्धति में 5 से 10 प्रतिशत राशि प्रति सप्ताह ब्याज के तौर पर देनी होती है। संतोष साहू भी हटकी ब्याज के बोझ तले दबकर प्रति सप्ताह 12 हजार रुपए साहूकारों को चुका रहा था।
अकबर ने मांग की है कि हटकी ब्याज पर रोक लगे। किसानों की जमीन वापस हो और हटकी ब्याज के तहत राशि देने वालों पर कार्रवाई की जाए।
ये था मामला
कवर्धा के अंतर्गत पिपरिया थाना में ग्राम डेहरी के किसान संतोष साहू ने 19 जुलाई को आत्महत्या की थी। संतोश साहू ने अपने रिश्तेदार हरि साहू के खेत पर स्थित पंप हाउस में आत्महत्या की थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की, तो एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने का कारण स्पष्ट लिखा था।
मृत किसान की मां फेकन बाई साहू उसके भाई हीरामणि साहू, हुकुमलाल साहू, केदारलाल साहू, दिनेश साहू और रमेश साहू ने कांग्रेस के जांच दल को इस संबंध में जानकारी दी। मृत किसान का बड़ा बेटा उमेश साहू बीए प्रथम वर्ष व दूसरा बेटा 12वीं में पढ़ रहा है। बेटी हेमलता साहू की शादी हो चुकी है।