दुनिया में बहुत सी ऐसी जगहें है, जहां कुछ न कुछ खास है, जो कि एकाएक लोगों का ध्यान आर्किषत करती है। ठीक इसी तरह है जापान का ओकिनोशिमा आइलैंड जहां महिलाओं का जाना वर्जित है।
जी हां यहां सिर्फ पुरुष ही आ सकते है क्योंकि जापानी भाषा में ओकिनोशिमा का अर्थ है केवल पुरुष। आपको सुनकर जरूर हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह सच है। हाल ही में यूनेस्को ने इस प्राचीन आइलैंड को हैरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल किया है। गौरतालब है कि इसी लिस्ट में, अहमदाबाद शहर को हैरिटेज सिटी घोषित किया।
जापान का ओकिनोशिमा आइलैंड
दरअसल, वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स की लिस्ट में जापान के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में स्थित ओकिनोशिमा आइलैंड को यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल घोषित किया है। पोलैंड के क्राकोव में रविवार को संयुक्त राष्ट्र के सालाना शिखर सम्मेलन के दौरान ओकिनोशिमा आइलैंड को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया। यूनेस्को ने अहमदाबाद शहर समेत दुनिया के 33 स्थलों को विश्व विरासत का दर्जा दिया है। ब्रिटेन के लेक डिस्ट्रिक्ट को भी इस सूची में जगह दी गई है।
महिलाओं का जाना है वर्जित
लेकिन इस लिस्ट की सब जगहों में से ओकिनोशिमा आइलैंड बेहद खास है, क्योंकि यहां पर केवल पुरुष ही जा सकते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एक तीर्थ स्थान है। वास्तव में ओकिनोशिमा का मतलब है ‘केवल पुरुष’। पुरुषों को भी इस आइलैंड के तट पर जाने से पहले निर्वस्त्र होना पड़ता है। वे ऐसा करने के बाद ही यहां स्थित तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं।
सदियों से चली आ रही है परंपरा
अधिकारियों के अनुसार, यहां महिलाओं पर पाबंदी भेदभाव स्वरूप नहीं है, बल्कि यह सदियों पुरानी परंपरा है जिसे वे नहीं बदलना चाहते हैं। यह एक ऐतिहासिक स्थल है। ओकिनोशिमा कभी समुद्री सुरक्षा के लिए प्रार्थना स्थल था। इस आइलैंड पर 17वीं सदी में निर्मित ओकित्सु मंदिर है। यहां स्थायी तौर पर एक पुजारी रहता है, जो आइलैंड की देवी की आराधना करता है। मुनाकाता ताइशा के पुजारियों को इस मंदिर में पूजा करने की अनुमति मिली हुई है।
सैनिकों को सम्मान
हर साल 27 मई को 200 लोगों को इस द्वीप पर जाने की अनुमति दी जाती है। ये लोग 1904-05 में रूस-जापान युद्ध के दौरान शहीद हुए नौसैनिकों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने वहां जाते हैं। यह द्वीप पूर्व में कोरियाई प्रायद्वीप और चीन से व्यापार के लिए जाना जाता रहा है।