नई दिल्ली। वेस्टइंडीज के खिलाफ विश्वकप के क्वार्टरफाइनल में न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्टिल ने 163 गेंदों पर नाबाद 237 रन बनाकर क्रिस गेल के जिंबाब्वे के खिलाफ बनाए गए नाबाद 215 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।
विश्व कप का सबसे बड़ा स्कोर इसके साथ ही गुप्टिल के नाम हो गया। गुप्टिल ने अपनी पारी में 24 चौके और 11 छक्के लगाए।
गुप्टिल आखिरी ओवरों में जिस तरह से बल्लेबाज़ी कर रहे थे, उससे भारत के रोहित शर्मा के 264 रनों के रिकॉर्ड को खतरा हो गया था। वो तो ओवर ही नहीं बचे थे, वरना एकदिवसीय क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी का रिकॉर्ड भी गुप्टिल के नाम हो जाता।
बहरहाल इस तूफानी पारी के साथ ही मार्टिन गुप्टिल एकदिवसीय इतिहास में दोहरा शतक लगाने वाले पांचवें बल्लेबाज़ बन गए हैं।
भारत के सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा और क्रिस गेल उनसे पहले ये कारनामा दिखा चुके हैं। रोहित शर्मा के नाम एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे बड़े स्कोर के साथ दो बार दोहरा शतक लगाने का करिश्मा है।
लेकिन इनमें से कोई भी विश्व कप के किसी नॉक आउट मुक़ाबले के दबाव के सामने ऐसा नहीं कर पाया था। ये दबाव इतना ज्यादा होता है कि गुप्टिल से पहले विश्व कप इतिहास में किसी बल्लेबाज़ ने 150 रन का स्कोर नहीं बनाया था।
गुप्टिल से पहले विश्व कप के नॉकआउट राउंड में सबसे ज्यादा स्कोर का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के तूफ़ानी बल्लेबाज़ एडम गिलक्रिस्ट के नाम था। गिलक्रिस्ट ने 2007 के विश्वकप फ़ाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 149 रनों की तूफानी पारी खेली थी।
इस जोरदार पारी से गुप्टिल न्यूज़ीलैंड की ओर से एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज़ बन गए हैं। हालांकि नॉटआउट 189 रन के साथ ये रिकॉर्ड पहले भी उनके ही नाम था।
मार्टिन गुप्टिल ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ शतक बनाने से पहले बांग्लादेश के खिलाफ भी शतक बनाया था। गुप्टिल किसी भी विश्व कप के दौरान लगातार दो मैचों में शतक बनाने वाले न्यूज़ीलैंड के पहले बल्लेबाज़ बन गए हैं।
इस विश्व कप के दौरान ये कारनामा दिखाने वाले वह चौथे बल्लेबाज़ हैं। उनसे पहले श्रीलंका के कुमार संगाकारा ने 2015 के विश्व कप के दौरान लगातार 4 मैचों में 4 शतक बनाए थे, जबकि बांग्लादेश के महमूदुल्ला और जिंबाब्वे के ब्रैंडन टेलर ने भी लगातार दो मैचों में शतक बनाने का कारनामा दिखाया था।