लखनऊ। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के तीन दिन के लखनऊ दौरे के शुरु होने के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी सियासी उठापटक चल पडी है। शाह के अमौसी एयरपोर्ट पर पहुंचते ही समाजवादी पार्टी के तीन विधान परिषद सदस्यों ने आज अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका उस समय लगा जब शनिवार को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और राष्ट्रीय शिया समाज के संस्थापक सदस्य बुक्कल नवाब ने सभापति को अपना इस्तीफा दे दिया। उनके अतिरिक्त एमएलसी यशवंत सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है।
बुक्कल नवाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी की तारीफ की है। ऐसा माना जा रहा है कि सपा के ये दोनों एमएलसी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
उत्तरप्रदेश : 3 दिवसीय दौर पर लखनऊ पहुंचे अमित शाह
बुक्कल नवाब ने कहा कि एक साल से वह पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे। समाजवादी पार्टी एक अखाड़ा बन गया है। पार्टी में मुलायम सिंह यादव का अपमान हो रहा है। सपा सूत्रों की मानें तो इनके अलावा सपा एमएलसी मधुकर जेटली भी इस्तीफा दे सकते हैं।
बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह तथा मधुकर जेटली के इस्तीफा देने के कारण विधान परिषद में समाजवादी पार्टी का संख्याबल अब कम होगा। इनके साथ ही विधान परिषद में तीन जगह खाली होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव और दिनेश शर्मा विधान परिषद के सदस्य के रूप में सदन में अपनी जगह बना सकते हैं।
माना जा रहा है कि यशवंत सिंह ने सीएम और मधुकर जेटली ने डिप्टी सीएम के लिए छोड़ी है। लंबे वक्त से बगावती तेवर अखतियार करने वाले बुक्कल नवाब ने डॉ. दिनेश शर्मा के लिए सीट छोड़ी है।
इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ पहुंच चुके हैं। अमित शाह के लखनऊ आते ही सपा को बड़ा झटका लगा है। यह शाह के गेम प्लान का हिस्सा माना जा रहा है।
इस घटनाक्रम को कुछ मंत्रियों को एमएलसी बनाने का रास्ता बनाने के तौर पर देखा जा रहा है। रिक्त सीट पर भाजपा नेता उपचुनाव लड़ सकते हैं।
बतादें कि विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब 1992 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। वह 2004 तक महासचिव रहे। दो बार लखनऊ पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2012 में उन्हें एमएलसी चुना गया। 2016 में वह फिर से एमएलसी चुने गए। अभी उनका कार्यकाल 2022 तक है।