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cm didnt get pathmeda during arial survey, MP guide throgh road
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हवाई सर्वेक्षण के दौरान नहीं मिला पथमेडा, तो यूं पहुंची CM राजे

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हवाई सर्वेक्षण के दौरान नहीं मिला पथमेडा, तो यूं पहुंची CM राजे
cm vasundhara raje doing ariel survey jalore with list of affected area
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सबगुरु न्यूज, जालोर/सिरोही। पूरे एक सप्ताह बाद जालोर और सिरोही जिले का मौसम साफ होने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को जालोर और सिरोही जिले के बाढ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। जालोर में हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्हें पथमेडा गोशाला भी जाना था, लेकिन पथमेडा गोशाला की जीपीएस लोकेशन नहीं होने पर सांसद देवजी पटेल ने पायलट को सडक मार्ग को फाॅलो करते हुए वहां तक पहुंचवाया।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ हवाई सर्वेक्षण में शामिल जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री पहले जालोर पहुंची। वहां से आहौर। यहां जवाई नदी के प्रवाह से ध्वस्त हो गई साकरणा पुलिया के दुरुस्तीकरण कार्य को देखा। यहां से धुम्बडिया, हेमागोडा, धोरीमन्ना होते हुए नेहड क्षेत्र में पहंची। वहां पर जल भराव और बाढ का सर्वेक्षण करने के बाद वह सांचैर में हवाई सर्वेक्षण करने पहुंची।

यहां से उन्हें पथमेडा गोशाला देखनी थी, लेकिन पथमेडा गोशाला और नेहड क्षेत्र के कुछ गांवों की जीपीएस लोकेशन नहीं थी। इसके बिना पायलट का वहां पहुंचना मुश्किल था। सांसद ने बताया कि हेलीकाॅप्टर सर्वेक्षण के दौरान काफी नीचे उड रहा था। ऐसे में सांचैर चैराहे से सडक के सहारे पायलट का मार्गदर्शन किया और इस तरह मुख्यमंत्री का हेलीकाॅप्टर पथमेडा पहुंचा। जहां एक राउण्ड लगाकर उन्होंने गौशाला का सर्वेक्षण किया।

मिल गई थी सिरोही की लोकेशन की जीपीएस

ऐरियल सर्वे के लिए पायलट के पास जीपीएस लोकेशन का होना सबसे आवश्यक है। इसके बिना वह संबंधित स्थान पर नहीं पहुंच पाता। इसके माध्यम से किसी भी स्थान की अक्षांश और देशांतर स्थिति के को-आॅर्डिनेट दिए जाते हैं। जिसके माध्यम से हवाई सर्वेक्षण के दौरान पायलट संबंधित स्थान पर पहुंचता है। सांसद ने बताया कि सांचैर से सबसे पहले सिरोही जिले की रेवदर तहसील के नंदगांव केसुआ पहुंचे।

वहां गोशाला का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद रोहुआ, अणगौर बांध होते हुए जावाल पुलिया का हवाई सर्वेक्षण किया। फिर सिरोही पहुंचे। जिल कलक्टर संदेश नायक ने सबगुरु न्यूज को बताया कि सिरोही जिले में अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का को-आॅर्डिनेट पहले ही भेज दिया था। सिरोही हवाई पट्टी पर पहुंचने से पहले ही मुख्यमंत्री हवाई सर्वेक्षण करके नुकसान का जायजा लेकर आई थी।

हवाई पट्टी पर भी था कारगेट

मुख्यमंत्री के आगमन और औचक किसी स्थान के निरीक्षण की संभावना को देखते हुए सिरोही हवाई पट्टी पर भी मुख्यमंत्री का कारगेट तैयार खडा था। मुख्यमंत्री के पहले ही हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से सिरोही में अतिवृष्टि से हुए नुकसान जायजा ले आने से इस कारगेट की आवश्यकता नहीं पडी। वैसे मुख्यमंत्री के आगमन पर मौसम खराब होने की स्थिति में हेलीकाॅप्टर के उडान नहीं भरने की स्थिति में विश्राम की संभावना को देखते हुए सिरोही सर्किट हाउस को भी तैयार किया गया था।