पटना। बिहार में महागठबंधन को मिले जनादेश का 20 महीने बाद अनादर कर मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी को अचानक सत्ता में लाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रीय जनता दल ने सोमवार को बड़ा आरोप लगाया।
राजद ने नीतीश को अपराध का सबसे बड़ा पोषक और संरक्षक बताते हुए पर कहा कि मुख्यमंत्री हत्या के एक मामले में शामिल हैं, इसलिए उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
राजद के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह और प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पटना के पंडारक थाना क्षेत्र में वर्ष 1991 में सीताराम सिंह की हत्या के मामले में नीतीश कुमार आरोपी हैं। वह दफा 302 के मुकदमे में मुदालह हैं।
उन्होंने दावा किया कि अदालत ने इस मामले पर संज्ञान भी ले लिया है, लेकिन अपने पद का इस्तेमाल कर नीतीश ने इस मामले को फिलहाल दबा दिया है।
राजद नेताओं ने मृतक सीताराम सिंह के भाई का एक वीडियो भी पत्रकारों को दिखाया, जिसमें उन्होंने नीतीश पर हत्या का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है।
जगदानंद सिंह ने कहा कि हत्या के मामले में नीतीश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है। प्राथमिकी में उनका नाम है और अब पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार को तुरंत इस्तीफा देकर मामले में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपनी छवि को लेकर हमेशा सतर्क रहने वाले नीतीश अगर इस्तीफा नहीं देते हैं, तो हत्या का यह मामला उनकी छवि को तार-तार कर देगा।
राजद के आरोप का जवाब देते हुए जद (यू) के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि जगदानंद सिंह जैसे वरिष्ठ नेता से ऐसी उम्मीद नहीं थी। इस मामले में जद (यू) अपनी सफाई पहले ही दे चुका है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पटना के होटल मौर्या में तीन महीने तक डेरा डालने के बावजूद अपनी पार्टी को सत्ता नहीं दिला सके, लेकिन नीतीश ने चंद घंटे में वह काम कर दिया। 34 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक शाह को आज सफाई देनी पड़ रही है कि बिहार में अचानक हुए सत्ता परिवर्तन में उनका हाथ नहीं है।
शाह अब निश्चिंत हैं कि उनकी पार्टी पिछले दरवाजे से ही सही, बिहार की सत्ता में आ गई है। अब पाकिस्तान में पटाखे नहीं छूटेंगे। नीतीश को भी अब इत्मीनान है कि उनके ‘डीएनए’ पर कोई सवाल नहीं उठाएगा, क्योंकि वह एनडीए में शामिल हो गए हैं। अब बिहार में चाहे कितना भी अपराध हो, कोई ‘जंगलराज’ नहीं कहेगा, क्योंकि ऐसा कहने वाले अब सत्ताधारी हो गए हैं।