सबगुरु न्यूज-सिरोही। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि बाडमेर, जालोर के बाद सिरोही में किए गए अवलोकन में यह सामने आया कि अधिकांश स्थानों पर बाढ से हुए नुकसान की प्रमुख वजह मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत निर्मित किए गई गैर तकनीकी जल संग्रहण ढांचे और इनके निर्माण में किया गया भ्रष्टाचार है।
यहां पत्रकार वार्ता में पायलट ने कहा कि पथमेडा गोशाला की तबाही की वजह भी इसी तरह के एनीकट और एमआई टैंक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जल स्वावलम्बन अभियान के तहत बिना किसी तकनीक के जल ढांचे खडे कर दिए गए। इनमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया।
इस कारण एक एनीकट और जल ढांचा टूटने के बाद दूसरा, तीसरा और कई ढांचे टूटे और बाढ की स्थिति बनी। इससे कई लोगों को नुकसान हुआ। उन्होंने सिरोही जिले में नए पुलों के टूटने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसमें भरपूर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
पायलट ने कहा कि सरकारें बदलती है सिस्टम और इसके अधिकारी वही रहते हैं। आपदा में काम अधिकारी करते हैं। इसमें सरकार किस तरह से काम करती है वहीं उसका मैनेजमेंट है। लेकिन राज्य सरकार ने इस आपदा के दौरान जालोर और सिरोही वासियों को जिस तरह से भगवान भरोसे छोड दिया है वह चिंताजनक है।
पायलट ने कहा कि बाढ प्रभावित लोगों के दुख को बांटकर सरकारी सिस्टम में राहत पहुंचाने में की जा रही देरी को रफ्तार दिलवाने का काम कांग्रेस करेगी। उन्होंने कहा कि यदि दानदाता नहीं होते तो बाढग्रस्त इलाकों के लोगों को खाने के भी लाले पड जाते।
उन्होंने दावा किया कि जालोर के बाढग्रस्त इलाकों में दानदाताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीडितों के लिए भोजन पैकेट और सूखी खाद्य सामग्री वितरित की। सरकार ने सरकारी मशीनरी के माध्यम से भोजन, चिकित्सा पर फूटी कौडी भी खर्च नहीं की।
पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री बनासकांठा आए। वहां का हवाई सर्वेक्षण किया। करना भी चाहिए और उन्हें वहां के नुकसान को देखते हुए 500 करोड से ज्यादा राशि भी वहां देनी चाहिए, लेकिन उन्हें थोडा बहुत पैकेज राजस्थान में बाढ प्रभावित जालोर, बाडमेर और सिरोही को भी देना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री वसुध्ंारा राजे के द्वारा अभी तक प्रदेश के बाढ ग्रस्त तीन जिलों के लिए कुछ पैकेज की घोषणा नहीं करने को सरकार की संवेदनहीनता बताया।
उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री छह दिन तक बनासकांठा में ही बैठे रहे। वहां पर बाढग्रस्त इलाकों के बचाव व राहत कार्य पर नजर रखे रहे, लेकिन राजस्थान की मुख्यमंत्री एक दिन आईं और हवाई सर्वे करके निकल गई। उतर कर बाढ प्रभावित लोगों का दर्द जानने की भी कोशिश नहीं की।
उन्होंने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी से प्रभाव में किसी तरह से कम नहीं हैं, उन्हें भी गुजरात के मुख्यमंत्री की तरह प्रधानमंत्री से अपने प्रदेश के लिए पैकेज की मांग करनी चाहिए।
पायलट ने कहा कि राम और गाय के नाम पर वोट पाने वाली भाजपा के राज में गायों की किस तरह की दुर्दशा हुई है, इसकी बानगी हिंगोनिया गोशाला के बाद विश्व की सबसे बडी गोशाला पथमेडा में दिख जाएगा। उन्होंने कहा कि गायें पानी के कारण बने दलदल से तडप तडप कर मर रही हैं। सरकार बाढ के नाम पर जिस पैकेज की बात करके लोगों को भ्रमित कर रही है उस पैकेज का कोई अस्तित्व ही नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बाढग्रस्त इलाकों में गोशालाओं को हुए नुकसान के लिए कोई सहायता राशि जारी नहीं की है। जो राशि सरकार गिना रही है वह बाढ से पहले गोसेवा के नाम पर लिए जा रहे सेस की है। इसका आपदा राहत से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा कि आपदा में जिन लोगों को किसी भी तरह का नुकसान हुआ है उसके लिए उन्हें समय पर उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस बाढ का मुख्य कारण मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना के तहत बिना किसी तकनीक के बनाए गए जल ढांचे और इसमें किए गए भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण है। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि इस बार विधानसभा में कांग्रेस बाढ के दौरान बरती गई लापरवाही, गायों की बदहाली तथा जल स्वावलम्बन अभियान में किए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी।
-बहुमत है, आपदा राहत में संशोधन करें
सचिन पायलट ने भेड बकरी मरने पर दस हजार रुपये, बडे पशु मरने पर 25 हजार तथा खेतों के तबाह होने पर पचास हजार रुपये प्रति हैक्टेयर राहत राशि देने की मांग सरकार से की। सबगुरु न्यूज के इतनी राशि का प्रावधान नहीं होने की बात पर उन्होंने कहा कि सरकार के पास बहुमत है, इसमें संशोधन करके इस राशि को बढाए और लोगों को अधिकतम राहत देवे। कांग्रेस इस निर्णय में उनके साथ है।
प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड पर ली चुटकी
सचिन पायलट से प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड की उनके देर से आने को लेकर की गई टिप्पणी के सवाल पर पायलट ने कहा कि राजे सरकार का कोई भी मंत्री वहीं बोलता है जो मुख्यमंत्री पर्ची पर लिखकर देती हैं। इस पर पूर्व मंत्री हेमाराम चैधरी ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह अजब सरकार है जो विपक्ष के दौरे पर देर से आने पर सवाल कर रही है, आज तक विपक्ष ही सरकार पर अंगुली उठाता रहा है।