रायपुर। देश में बह रहीं शिक्षा की दो धाराओं के बीच छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के जिलाधिकारी अवनीश कुमार शरण की पहल प्रदेश में रंग लाने लगी है। गुरुवार को रायपुर में पुलिस अधीक्षक डी. रविशंकर ने अपनी बेटी का दाखिला शांतिनगर की प्राथमिक स्कूल में कराया।
इससे पहले विधायक शिवशंकर साय ने भी अपने बच्चे का दाखिला सरकारी स्कूल में कराया था। गुरुवार को पुलिस अधीक्षक डी. रविशंकर अपनी पत्नी और बेटी के साथ शांतिनगर स्थित सरकारी स्कूल गए और अपनी बेटी कुमारी दिव्यांजलि का दाखिला कक्षा 2 में कराया।
सादगी में विश्वास रखने वाले अधिकारी डी. रविशंकर ने बताया कि वे समानता में विश्वास करते हैं। हर अच्छे कार्य की शुरुआत घर से होती है। लिहाजा, उन्होंने भी इस अच्छे कार्य की शुरुआत भी खुद आगे आकर की। ये कारवां और बड़े, देश का युवा तरक्की करे और देश आगे बड़े, यही उनका सपना है।
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में फैसला दिया था कि सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों को अपने बच्चों को दाखिला सरकारी स्कूलों में कराना चाहिए। इससे शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा।
उत्तर प्रदेश में तो उच्च न्यायालय के फैसले पर अमल शुरू होता नहीं दिखाई दिया, लेकिन छत्तीसगढ़ के उदार अधिकारियों ने इसकी शुरुआत कर दी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब ये कारवां यूं ही आगे बढ़ता रहेगा और शिक्षा का व्यवसाय कर धनकुबरे बन रहे लोग थोड़ा शर्म करेंगे।