नई दिल्ली। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिए गए अंतरिम आदेश में एक विशिष्ट मामले में पैन कार्ड में बिना आधार कार्ड जोड़े वित्त वर्ष 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति प्रदान की है।
एसएफएलसी डॉट इन ने एक बयान में कहा कि उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित कर संबंधित आयकर अधिकारियों को यह आदेश दिया है कि याचिककर्ता को बिना आधार नंबर या आधार नंबर के एनरोलमेंट की घोषणा किए हुए रिटर्न फाइल करने दें।
एसएफएलसी डॉट इन एक कानूनी संस्था है जो दानदाताओं की रकम से चलाई जाती है। संस्था के कानून निदेशक प्रशांथ सुगाथन ने केरल उच्च न्यायालय में आयकर अधिनियम 1961 की धारा 139एए के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार नंबर या एनरोलमेंट आईडी देना अनिवार्य बनाने को चुनौती दी थी।
इस साल की शुरुआत में सर्वोच्च न्यायालय ने आधार को पैन में अनिवार्य रूप से जोड़ने को चुनौती देने वाली याचिका बिनय विस्वम बनाम केंद्र सरकार, एस. जी. वोमबाटकेरे और एएनआर बनाम केंद्र सरकार पर सुनवाई की थी।
शीर्ष अदालत की दो न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि जिन पैन कार्ड धारियों के पास आधार कार्ड नहीं है और जो धारा 139(2) के प्रावधान का पालन नहीं करते हैं, उन्हें कुछ वक्त के लिए अमान्य नहीं माना जा सकता।
सुगाथन ने उच्च न्यायालय से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बिनय विस्वम मामले में आधार को पैन नंबर से जोड़ने पर लगाई गई आंशिक रोक व्यर्थ हो जाएगी, अगर करदाताओं (असेस) को रिटर्न फाइल करते समय जबरदस्ती आधार नंबर जोड़ने को कहा जाता है।