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डोकलाम में सैनिकों की संख्या पर भारत मौन - Sabguru News
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डोकलाम में सैनिकों की संख्या पर भारत मौन

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डोकलाम में सैनिकों की संख्या पर भारत मौन
doklam standoff : India silent on china claims
doklam standoff : India silent on china claims
doklam standoff : India silent on china claims

नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को चीन के उस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिसमें कहा गया है कि डोकलाम इलाके में भारतीय सैनिकों की संख्या घट गई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने यहां अपने सप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जहां तक तैनाती से संबंधित प्रश्न की बात है तो ये सब सामरिक मामले हैं, चाहे हमारी तरफ का हो या दूसरी तरफ का। उन्होंने कहा कि मैं खासतौर से इस मामले में कुछ कहना नहीं चाहूंगा।

चीन ने बुधवार को जारी एक बयान में दावा किया था कि इलाके में एक स्थान पर लगभग 400 भारतीय सैनिक थे, और जुलाई अंत तक वहां 40 भारतीय सैनिक थे और एक बुलडोजर अवैध रूप से चीनी क्षेत्र में मौजूद थे।

चीन ने मध्य जून में भूटानी क्षेत्र में सड़क निर्माण करने की कोशिश की थी, जिसके बाद से सिक्किम सेक्टर में सीमा पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। चीन ने मांग की है कि वार्ता के लिए भारत अपने सैनिकों को वापस बुलाए, जबकि नई दिल्ली का कहना है कि दोनों पक्ष अपने सैनिकों को एक साथ हटाएं।

बागले ने हालांकि इस मुद्दे पर भारत के रुख को दोहराया कि द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए सीमा पर शांति एवं सौहाद्र्र कायम होना चाहिए।

उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा गुरुवार को राज्यसभा में दिए गए बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत अस्ताना सहमति के आधार आपस में स्वीकार्य समाधान पाने के लिए राजनयिक माध्यमों से चीन के साथ बातचीत करता रहेगा।

चीन द्वारा इस मुद्दे पर जारी 15 पृष्ठों के दस्तावेज के बाद भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर बागले ने बुधवार के अपने बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत मानता है कि चीन के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए भारत-चीन सीमा पर शांति एवं सौहाद्र्र को पूर्व शर्त मानता है।

बीजिंग ने दावा किया है कि उसने इलाके में सड़क निर्माण के बारे में 18 मई और फिर आठ जून को नई दिल्ली को सूचित किया था। इस बारे में बागले ने कहा कि मैंने उस बयान को पढ़ा है। लेकिन मैं नहीं समझता कि कूटनीतिक चर्चाओं के हरेक विवरण पर प्रतिक्रिया देना हमारे लिए सही है।

यह पूछे जाने पर कि क्या भूटान ने भारत से मदद मांगी थी? प्रवक्ता ने विदेश मंत्रालय द्वारा 30 जून को जारी एक बयान का जिक्र किया और कहा कि हमने बहुत स्पष्ट तौर पर कहा था कि आपसी हित के मामलों में घनिष्ठ परामर्श की परंपरा को ध्यान में रखते हुए भूटान की शाही सरकार और भारत सरकार उपजे इन घटनाक्रमों को लेकर लगातार संपर्क में रहे हैं।