लखनऊ। यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण पर कड़ा रुख अपनाते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को 28 अगस्त को अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।
अदालत ने यमुना नदी के प्रदूषण संबंधी एक याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए कई निर्देशों के बावजूद जिला मजिस्ट्रेट द्वारा इस मामले में जवाब दाखिल न करने को लेकर नाराजगी जताई।
अदालत ने युमना की रंगीन तस्वीरों और इसमें प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट की मांग की थी। लेकिन अदालत के निर्देशानुसार ये अभी तक नहीं सौंपी गई है।
न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति कृष्ण सिंह की पीठ ने श्री यमुना सेवा संस्थान की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले में अदालत द्वारा मांगे गए विवरण न सौंपे जाने को लेकर जिला प्रशासन को फटकार लगाई।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि नदी इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि इसमें मछलियां मर रही हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन और स्थानीय निकाय इस मामले में आंखें मूंदकर बैठा है।
अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि रिपोर्ट दाखिल करने के स्थान पर जिला प्रशासन इसके लिए और समय मांग रहा है।