नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को देश में लोकतंत्र पर ‘सांप्रदायिक और दमनकारी ताकतों’ द्वारा हो रहे हमले को लेकर चिंता जाहिर की। गांधी ने लोकसभा में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के 75 साल पूरे होने पर बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान यह टिप्पणी की।
गांधी ने कहा कि जब हम भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, लोगों के मन में संदेह है कि क्या स्वतंत्रता की भवना पर भय हावी हो रहा है; क्या ये प्रयास हमारी लोकतांत्रिक संरचना, बोलने की आजादी, समानता और सामाजिक न्याय को नष्ट करने के लिए किए जा रहे हैं?
उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन हमें विभाजनकारी, सांप्रदायिक और संकीर्ण विचारधाराओं का बंदी नहीं बनने की बात याद दिलाता है..न तो हम ऐसा होने देंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कुछ ऐसे संगठन व तत्व थे, जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया और इसमें भाग नहीं लिया।
पहले से तैयार बयान को पढ़ते हुए गांधी ने यह भी कहा कि कभी-कभी गैर-कानूनी ताकतें कानून व्यवस्था पर हावी होती मालूम पड़ती हैं।
उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी आजादी को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो हमें दमनकारी ताकतों से लड़ना होगा, इससे कोई फर्क नहीं पढ़ता कि वे कितनी मजबूत और शक्तिशाली हैं। हमें भारत के लिए लड़ना होगा, जहां हर कोई आजाद है।
भाषण की शुरुआत में सोनिया ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले और आजादी के संघर्ष में अपना जान कुर्बान करने वाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दी।