Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
झारखंड : रेल पटरियों की हरकत से अचंभे में विज्ञान - Sabguru News
Home Azab Gazab झारखंड : रेल पटरियों की हरकत से अचंभे में विज्ञान

झारखंड : रेल पटरियों की हरकत से अचंभे में विज्ञान

0
झारखंड : रेल पटरियों की हरकत से अचंभे में विज्ञान
the inexplicable behaviour of railway tracks in a jharkhand village is baffling scientists

the inexplicable behaviour of railway tracks in a jharkhand village is baffling scientists

हजारीबाग। झारखंड के एक गांव में रेल पटरियों की हरकत ने विज्ञान को अचंभे में डाल दिया है। रोज सुबह 8 बजते ही पटरियां आपस में सटने लगती हैं, जो तीन घंटे के भीतर पूरी तरह चिपक जाती हैं। फिर दोपहर 3 बजे बाद स्वत: ही अलग भी होने लगती हैं।

कुत्ते के साथ की क्रूरता, मिली पांच साल की सजा

ग्रामीण इसे चमत्कार मान पूज रहे हैं तो विज्ञानी सिर खुजा रहे हैं। अजीब तरह का ये मामला है हजारीबाग-बरकाकाना रूट पर बसे लोहरियाटांड का। अभी इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू नहीं हुई है।

सांपों कि आकर्षक दुनिया समटे हुए स्नेक पार्क

ग्रामीणों और रेल पटरियों की हिफाजत करने वालों ने बताया कि हमने कई बार ऐसी हरकत होते देखी है। खूब छानबीन की, लेकिन कारण समझ नहीं आया। पटरियों के चिपकने की प्रक्रिया को हमने मोटी लकड़ी अड़ाकर रोकने की कोशिश भी की, लेकिन नाकाम रहे।

लो जी आखिरकार चोटी काटने वाला पकड़ा ही गया, देखें वीडियो

खिंचाव इतना शक्तिशाली था कि सीमेंट के प्लेटफॉर्म में मोटे लोहे के क्लिप से कसी पटरियां क्लिप तोड़कर चिपक जाती हैं। ऐसा 15-20 फीट की लंबाई में ही हो रहा है। इस बारे में साइंटिस्ट डाॅ. बीके मिश्रा ने कहा कि वाकई, ये हैरान करने वाली बात है। वैसे, ये मैग्नेटिक फील्ड इफेक्ट भी हो सकता है।

एक दूल्हे संग ब्याही गईं दो दुल्हनें, लड़कियां करती थीं प्रेम

ड्रिलींग से ही पता चल पाएगा कि जमीन के अंदर क्या हो रहा है। जूलॉजी विभाग के प्रमुख डाॅ. डीएन साधु ने बताया कि देखना होगा कि जिस चट्टान के ऊपर से पटरी गुजरी है, वह कौन सा स्टोन है।

गरीब आदमी ने बोला “मोदी को कच्चा चबा जाऊँगा”| देखें वायरल वीडियो

दूसरी ओर, रेलवे इंजीनियर एसके पाठक ने बताया कि टेंपरेचर ऑब्जर्व करने के लिए लाइन में बीच-बीच में एसएजे (स्वीच एक्सपेंशन ज्वाइंट) लगाया जाता है। जिसे हजारीबाग-कोडरमा रेलखंड में तीन जगहों पर लगाया गया है।

गर्लफ्रेंड के कुत्ते का सिर चबाने वाले को 7 साल की…

हो सकता है कि जहां पर यह हरकत हो रही है, वहां अभी एसएजे सिस्टम नहीं लगाया गया हो। असल कारण तो जांच के बाद ही पता चलेगा।

आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और  FACEBOOK पर PAGE LIKE  कीजिए,  और खबरों के लिए पढते रहे Sabguru News और ख़ास VIDEO के लिए HOT NEWS UPDATE