नई दिल्ली। यहां एक अदालत ने यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा की न्यायिक हिरासत की अवधि 25 अगस्त तक बढ़ा दी है। आरोपियों को घर खरीदारों को धोखा देने के जुर्म में नौ अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। जानकार सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी, आशु गर्ग ने दोनों भाइयों की न्यायिक हिरासत 25 अगस्त तक बढ़ा दी है। इससे पहले उनके दो दिवसीय न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
नौ अगस्त को, अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश राकेश पंडित ने उनकी जमानत की अपील को खारिज करते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया था। अदालत ने दोनों भाइयों को संबंधित न्यायाधीश के समक्ष 11 अगस्त को पेश करने को कहा था।
सत्र न्यायाधीश ने कहा कि रिकॉर्ड के अवलोकन से यह प्रतीत होता है कि आरोपियों और उसकी कंपनी एक आवासीय कॉलोनी के निर्माण के उद्देश्य के लिए बिना अपेक्षित अनुमोदन के ग्राहकों से भुगतान ले रहे थे।
अदालत ने कहा कि यह जानते हुए कि निर्माण की अनुमति नहीं है, फिर भी इन्होंने खरीदारों से अतिरिक्त पैसा लिया। अदालत ने कहा कि यूनिटेक कंपनी और उसके प्रबंध निदेशकों का शुरू से ही ग्राहकों को धोखा देने का इरादा प्रतीत होता है।
अदालत ने कहा कि इन परिस्थितियों में जमानत देने का कोई आधार नहीं है। अदालत ने इसके अलावा अजय चंद्रा की जमानत याचिका भी नामंजूर कर दी।
चंद्र भाइयों पर रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक द्वारा गुरुग्राम के सेक्टर 70 में एंथेया फ्लोर परियोजना की समय पर डिलिवरी देने में विफल रहने और खरीदारों का पैसा नहीं लौटाने के जुर्म में मुकदमा दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बताया कि दोनों भाइयों के खिलाफ 90 शिकायतें मिली हैं। उन पर आपराधिक विश्वासघात, साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश का आरोप दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा यूनिटेक आवासीय परियोजना के लिए 557 ग्राहकों से 363 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे।