पटना। बीजेपी और जेडीयू के बीच गठबंधन से खफा और विरोध में स्वर उगल रहे शरद यादव सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। जदयू ने उन्हें राज्यसभा के नेता पद से हटा दिया है और उनकी जगह आरसीपी सिंह को राज्यसभा का नेता नियुक्त करने का फैसला किया है।
इससे पहले पार्टी विरोधी कार्यों के लिए महासचिव अरूण श्रीवास्तव को पदमुक्त किया गया था फिर अली अनवर को पार्टी से निलंबित किया जा चुका है।
माना जा रहा है कि जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और उनका साथ देने वाले रमई राम-अरुण राय को भी अब पार्टी जल्द ही बाहर का रास्ता दिखा सकती है। ये सभी पार्टी की नीतियों के खिलाफ जाकर बयानबाजी कर रहे हैं।
बतादें कि शरद यादव आजकल बिहार दौरे पर हैं और जनता के बीच जाकर नीतीश कुमार पर धोखेबाजी का आरोप लगा रहे हैं और वे साफ कह रहे हैं कि मैं किसी से डरता नहीं हूं।
अगली 19 अगस्त को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है और उसमें बड़ी फेरबदल की संभावना देखी जा रही है और एेसे में शरद यादव के बगावती तेवर को बर्दाश्त करना जदयू के लिए संभव नहीं लग रहा है। शरद यादव ने खुलेआम नीतीश कुमार के खिलाफ आवाज उठाई है और राजद के सुर में सुर मिला रहे हैं।
पार्टी में चल रही खींचतान का आलम यह है कि पांच दिनों के अंदर नीतीश खेमे ने शरद यादव गुट पर यह दूसरा वार किया है और साथ ही अब शरद यादव को भी राज्यसभा के नेता पद से हटाकर बहुत बड़ा संकेत दिया है।
अब इसकी आगे की कड़ी में बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी अपने बागी नेताओं शरद यादव, अली अनवर, रमई राम और अर्जुन राय जैसे नेताओं को पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है और फिर इन नेताओं को पार्टी से निलंबित किया जा सकता है।
इस संबंध में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को दिल्ली में बैठक हुई। इस बैठक में के सी त्यागी, आरसीपी सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह, महेेंद्र प्रसाद, कौशलेंद्र कुमार, संतोष कमार, संजय झा, हरिवंश समेत दूसरे तमाम नेता शामिल हुए।