सिरोही। न्यायालय या सरकारें जो दावे करे या नियम बनाए पर पुलिस का हम नहीं सुधरेंगे का ढर्रा नहीं सुधर रहा। एफआईआर के लिए एक थाने से दूसरे थानें भटकाने का एक मामले की शिकायत आखिरकारी पीडि़त को पुलिस अधीक्षक को करनी पड़ी। मामला था साधुवेशधारी दो व्यक्तियों के एक व्यक्ति की मोटरसाइकिल चुरा ले जाने और धोखाधड़ी करने का।…
पीडि़त कालन्द्री निवासी मीठाराम पुत्र पूनमाजी घांची ने पुलिस अधीक्षक को सौपे परिवाद में बताया कि गत 27 सितम्बर की शाम करीब 5 बजे वह निकटवर्ती वराल गांव स्थित केदारनाथ महादेव मंदिर में पहुंचा। वहां के महंत अमराईनाथ राशन की सामग्री लेने के लिए कालन्द्री गए हुए थे। उनकी गैरमौजूदगी में वहां चन्नीगिरी नाम के एक साथ एक किशोर साधुवेश में मौजदू थे। इन लोगों ने उसे सिरोही में कालका तालाब के पास स्थित मां काली के मंदिर पर छोडऩे को कहा।
रात करीब आठ बजे वह उन्हें लेकर काली मां के मंदिर पहुंचा। इसी दौरान उन दोनों साधुवेशधारी व्यक्तियों ने उससे बाजार से पूजा की सामग्री लाने के लिए मोटरसाइकिल मांगी। उसका मोबाइल मांगा और किसी से बात की और यह कहते हुए उसका मोबाइल साथ लेते गए कि जिस व्यक्ति को उन लोगों ने फोन किया है उसका फोन इसी पर आएगा।
वह लोग पीडि़त से एक हजार रुपए भी ले गए। रात करीब 11 बजे तक उसने दोनों का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आए। इस बीच अपने मोबाइल पर भी संपर्क की कोशिश की, लेकिन मोबाइल नहीं लगा।
इस पर वह समझ गया कि उसे ठगा गया है। ज्ञापन में बताया आरोप लगाया गया कि वह इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए जब कोतवाली थाने पहुंचा तो वहां से उसे यह कहते हुए टरका दिया गया कि यह मामला कालन्द्री थाने का है और वहां जाकर इसे दर्ज करवाएं। जब कालन्द्री थाने पहुंचा तो उसे वहां से सिरोही थाने का मामला होने का हवाला देते हुए टरका दिया। दो थानों के बीच में दौड़ाने के दौरान ठगों को उसकी मोटरसाइकिल गायब करके पुलिस की पकड़ से दूर जाने का मौका भी मिल गया।